अब राजस्थान में भी 'द सूत्र' की दस्तक, वरिष्ठ पत्रकार जिनेश जैन बने ग्रुप एडिटर

'द सूत्र' अब राजस्थान में भी पहुंच चुका है। वरिष्ठ पत्रकार जिनेश जैन को ग्रुप एडिटर बनाया गया है। यह कदम डिजिटल मीडिया में ब्रांड विस्तार और जिम्मेदार पत्रकारिता को मजबूत करेगा।

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नई दिल्ली/जयपुर/भोपाल. मध्य भारत के सबसे तेजी से उभरते डिजिटल मीडिया ब्रांड 'द सूत्र' ने एक और अहम पड़ाव छू लिया है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपनी पैनी पत्रकारिता, जन सरोकारों से जुड़े कंटेंट और मजबूत ग्राउंड रिपोर्टिंग के दम पर विश्वसनीयता की बुलंद इमारत खड़ी करने के बाद अब 'द सूत्र' राजस्थान में प्रवेश कर रहा है।

इसी के साथ देश के वरिष्ठ पत्रकार जिनेश जैन को ग्रुप एडिटर बनाया गया है। जिनेश जैन का पत्रकारिता में करीब चार दशकों का अनुभव है। वे राजस्थान पत्रिका ग्रुप में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के स्टेट एडिटर रह चुके हैं। दिल्ली की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में उन्होंने पत्रिका में महत्वपूर्ण संपादकीय पदों पर काम किया। इसके अलावा जिनेश जैन देश की अग्रणी समाचार एजेंसी यूएनआई (वार्ता) में भी सेवाएं दे चुके हैं।

'द सूत्र' के एडिटर ​इन चीफ आनंद पांडे और मैनेजिंग एडिटर हरीश दिवेकर ने कहा, 'द सूत्र' के राजस्थान में विस्तार का ऐलान डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में हमारे लिए निर्णायक पल है। यह ब्रांड एक्सपेंशन भर नहीं है, यह पत्रकारिता की गहराई और जिम्मेदार रिपोर्टिंग को राजस्थान के जमीनी सरोकारों से जोड़ने का प्रयास है।

राजस्थान की हर खबर होगी आपके हाथ में

राजस्थान की राजनीति, प्रशासन, समाज, युवाओं, रोजगार, शिक्षा, ग्रामीण जीवन और संस्कृति से जुड़ी हर सटीक और सच्ची खबर अब 'द सूत्र' पर मिलेगी, वह भी तेज, निष्पक्ष और असरदार अंदाज में।

जल्द ही 'द सूत्र' अपने सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म वेबसाइट, यूट्यूब, सोशल मीडिया आदि पर राजस्थान की खबरें शुरू करेगा। 'द सूत्र' के स्थापना दिवस 1 जुलाई 2025 को राजस्थान संस्करण की औपचारिक लॉन्चिंग की जाएगी। इस अवसर पर देशभर से जाने-माने पत्रकार, संपादक, लेखक, यूट्यूबर, नीति-निर्माता और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। 

खास है 'द सूत्र' का कदम

डिजिटल दौर में जब खबरें फटाफट और गहराई से दूर होती जा रही हैं, ऐसे वक्त में 'द सूत्र' ठहरकर, जांचकर, विश्लेषण के साथ रिपोर्टिंग करने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रशासन, राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर एक्सक्लूसिव स्टोरीज से 'द सूत्र' ने यह साबित किया है कि पत्रकारिता आज भी जनहित में असरदार हो सकती है। द सूत्र ज्यादा नहीं, अच्छे कंटेंट पर भरोसा करता है।

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