शिक्षक की झूठी चाल : छात्र की मौत बताकर ली छुट्टी, पिता बोले- जिंदा है
मध्य प्रदेश के मऊगंज से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक टीचर ने तीसरी कक्षा के एक छात्र को मृत बताकर छुट्टी ले ली। बाकायदा उसने स्कूल के रजिस्टर में लिखा कि वह छात्र के अंतिम संस्कार में जा रहा है।
मध्य प्रदेश के मऊगंज से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक टीचर ने तीसरी कक्षा के एक छात्र को मृत बताकर छुट्टी ले ली। बाकायदा उसने स्कूल के रजिस्टर में लिखा कि वह छात्र के अंतिम संस्कार में जा रहा है।
वहीं जब छात्र के पिता को यह जानकारी मिली, तो उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई और कहा कि उनका बेटा जिंदा है। शिकायत के बाद कलेक्टर को मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद आरोपी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह घटना मऊगंज जिले के नईगढ़ी के शासकीय स्कूल की है। शिक्षक हीरालाल पटेल ने 27 नवंबर को रजिस्टर में लिखा कि वह जितेंद्र कोरी के निधन के कारण दाह संस्कार में जा रहे हैं। जितेंद्र कोरी स्कूल में तीसरी कक्षा का छात्र है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर जितेंद्र के पिता सूरज कोरी ने बताया कि शिक्षक ने उनके बेटे को मृत घोषित कर दिया। जब दूसरे शिक्षक से यह पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि स्कूल में सूचना आई थी कि उनके बेटे की मृत्यु हो गई है। इसके बाद सूरज कोरी थाने पहुंचे और शिकायत की।
जांच के दिए आदेश
जिले के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने डीईओ को शिक्षक के खिलाफ जांच करने और निलंबित करने के निर्देश दिए। वहीं आरोपी शिक्षक हीरालाल ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि यह एक भूल थी। उन्होंने बताया कि 7 नवंबर को जितेंद्र के दादा का निधन हुआ था, और वह गलत तारीख लिख गए। वह उस दिन अस्वस्थ थे और उनके दिमाग में ठीक से काम नहीं हो रहा था।
हीरालाल को किया निलंबित
वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर के निर्देश पर, शिक्षक हीरालाल को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
FAQ
शिक्षक ने तीसरी कक्षा के छात्र को मृत कैसे घोषित किया?
शिक्षक हीरालाल पटेल ने स्कूल के रजिस्टर में 27 नवंबर को यह लिख दिया कि छात्र जितेंद्र कोरी के निधन के कारण वह दाह संस्कार में जा रहे हैं।
छात्र के पिता ने इस बारे में क्या प्रतिक्रिया दी?
जितेंद्र के पिता, राम सूरज कोरी, को जब यह जानकारी मिली कि उनके बेटे को मृत घोषित कर दिया गया है, तो उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई और बताया कि उनका बेटा जिंदा है। इसके बाद यह मामला अधिकारियों तक पहुंचा और जांच की प्रक्रिया शुरू हुई।
शिक्षक ने मृत घोषित करने की गलती क्यों की?
शिक्षक हीरालाल पटेल ने स्वीकार किया कि यह एक गलती थी। उनका कहना था कि 7 नवंबर को जितेंद्र के दादा का निधन हुआ था और वह गलत तारीख लिख गए। उस समय वह अस्वस्थ थे, इसलिए उनके दिमाग में सही जानकारी नहीं आ रही थी।
इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है?
जिले के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने इस मामले की जांच के आदेश दिए और शिक्षक हीरालाल पटेल को निलंबित कर दिया। इसके अलावा, उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।