संजय गुप्ता, INDORE, इंदौर से एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर शंकर लालवानी सांसद का चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी ने अपनी दूसरी सूची में सभी रुकी हुई पांच सीटों के टिकट घोषित कर दिए। इसमें बहुप्रतीक्षित इंदौर से भी उम्मदीवार का नाम आ गया। लालवानी की बीते एक सप्ताह में दिल्ली में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के जरिए की गई मेहनत आखिर काम आई और उन्हें एक बार फिर टिकट दिया गया।
ऐनवक्त पर दिल्ली की दौड़ और सीएम से बंद कमरे में मुलाकात
बीजेपी के टिकट के लिए शुरू में कई दावेदार थे। इसमें लालवानी के साथ ही डॉ. दिव्या गुप्ता, डॉ. निशांत खरे, जीतू जिराती जैसे नाम प्रमुखता से थे। दो दिन पहले तक सिर्फ लालवानी और गुप्ता आखिरी रेस में थे, लेकिन दौड़ में पिछड़ने के बाद लालवानी ने मैराथन की तरह अंतिम चरण में तेज दौड़ लगाई और रेस में आगे निकल गए। इसमें उनका दिल्ली दौरा सबसे अहम रहा, जब वह शिवराज सिंह चौहान के जरिए दिल्ली में कई नेताओं से मिले। इसमें वह अपना पक्ष रखने में कामयाब रहे। वहीं इसी दौरान एयरपोर्ट लाउंज में भी वह बंद कमरे में सीएम मोहन यादव से लंबी चर्चा कर अपनी बात रखने में कामयाब रहे। इसके बाद उनकी काफी बाधाएं दूर हो गई।
महापौर भार्गव ने पहले ही दे दी थी बधाई
द सूत्र ने इस बात की सबसे पहले संभावना जता दी थी कि लालवानी का टिकट लगभग तय हो चुका है। इसका सबसे बड़ा संकेत उस समय मिल गया जब दिल्ली में बैठक के बाद मंगलवार को सुबह महापौर पुष्यमित्र भार्गव निगम ने निगम दफ्तर पहुंचने पर लालवानी को गुलदस्ता देते हुए बधाई दी और इस पर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी सहमति जताई और कहा कि सभी दिल से दे रहे हैं।
विजयवर्गीय के बयान से मची थी हलचल
इसके पहले महिला दिवस के पूर्व हुए आयोजन में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के उस बयान से हलचल मच गई थी, जब कहा था कि ऐसी उड़ती हुई खबर आई है कि शंकर लालवानी का टिकट कट गया है और किसी महिला को यहां से टिकट मिलेगा, ऐसा पीएम चाहते हैं। हालांकि बाद में कहा कि मैं मजाक कर रहा था।
सबसे बड़ी जीत ले चुके है लालवानी, अब मिशन 8 लाख पार
साल 2019 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ने वाले लालवानी देश भर में ऐसे चुनिंदा सांसदों में थे जिन्हें दस लाख से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं उन्होंने चुनाव में भी वोट का रिकार्ड बनाया था, उन्होंने इस सीट पर सबसे बड़ी 5.47 लाख वोट की जीत हासिल की थी। अब इस बार विजयवर्गीय ने ही दावा किया है कि इस बार यहां से 8 लाख वोट से जीत होगी। जिस तरह कांग्रेस की स्थिति है, उसमें बहुत ज्यादा संशय भी इसमें नहीं लगता है, बीजेपी का ध्यान केवल वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने पर है।