मध्यप्रदेश में भी होगी बाघों की जीन टेस्टिंग, वनतारा की तर्ज पर इन रेस्क्यू सेंटरों पर होंगे प्रयोग
गुजरात के वनतारा जू और रेस्क्यू सेंटर की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी जू और रेस्क्यू सेंटर बनने जा रहे हैं। उज्जैन और जबलपुर में विकसित किए जा रहे इन रेस्क्यू सेंटरों में बाघों पर विशेष प्रयोग किए जाएंगे।
गुजरात के वनतारा जू से इंस्पायर होकर अब इन प्रस्तावित रेस्क्यू सेंटरों पर बाघों के जीन और डीएनए पर नए प्रयोग किए जाएंगे। गुजरात के जामनगर में स्थित अनंत अंबानी और रिलायंस के वनतारा जू और रेस्क्यू सेंटर की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी जू और रेस्क्यू सेंटर बनने जा रहे हैं।
उज्जैन और जबलपुर में विकसित किए जा रहे इन रेस्क्यू सेंटरों में बाघों पर विशेष प्रयोग किए जाएंगे। प्रदेश में पाए जाने वाले सभी बाघों के जीन्स और डीएनए एकत्रित कर उनकी हर मूवमेंट पर वन विभाग की टीम अब नजर रखने जा रही है।
वन विभाग के आला अधिकारियों ने बनाई योजना
मध्यप्रदेश सरकार में वन विभाग के आला अधिकारी जिनमें एसीएस अशोक वर्णवाल और प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव शामिल हैं, ने रिलायंस के वनतारा जू का निरीक्षण कर वहां चल रहे रेस्क्यू सेंटर की डीटेल रिपोर्ट तैयार की है।
रिलायंस के इस जू में बाघों सहित अन्य पशुओं की पहचान उनके जींस (Genesis) से की जाती है, जिससे इनकी लगातार निगरानी व पहचान में आसानी होती है, अब इसी तकनीक को मध्यप्रदेश में अपनाने की योजना पर काम चल रहा है।
टाइगर स्टेट का तमगा रखने वाले मध्यप्रदेश में वर्ष 2022 की पशु गणना के अनुसार इस समय 785 से अधिक बाघ हैं, इन बाघों को टाइगर रिसर्व में संरक्षण दिया जा रहा है। वन विभाग इन सभी अपने मुताबिक नाम भी देता है, लेकिन फिर भी इन बाघों की सटीक पहचान करने में मुश्किलें आती है।
इस परेशानी को दूर करने के लिए अब वन विभाग के अफसर वनतारा में किए जा रहे वैज्ञानिक प्रयोगों व वहां अपनाई जा रही जींस आईडेंटिटी को अपनाने जा रहा है। इस नई तकनीक में प्रत्येक बाघ के डीएनए से उसके जींस की पहचान की जाएगी।
शिकार या मूवमेंट के समय आसान होगी पहचान
एक बार बाघ का जींस कलेक्ट हो जाने पर उसकी दूसरी बार सौ फीसदी पहचान आसान होगी। शिकार करने, बस्तियों में हमला करने या दुर्घटना में मौत जैसे मौकों पर बाघ की पहचान उसके जींस से पुख्ता तरीके से होगी। जिससे वन विभाग को बाघ को ट्रेस करने में भी आसानी होगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डां मोहन यादव द्वारा जून महीने में गुजरात के जामनगर में स्थित रिलायंस के वनतारा जून का दौरा किया था। उस समय उन्होंने मध्यप्रदेश के उज्जैन और जबलपुर में वनतारा के जैसे ही जू व रेस्क्यू सेंटर खोलने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद अधिकारियों को जू व रिसर्च एंड रेस्क्यू सेंटर की प्लानिंग पर लगाया था। इन अधिकारियों ने अब मध्यप्रदेश में प्रस्ताविक रेस्क्यू सेंटर में बाघों की पहचान की वनतारा तकनीक को अपनाने की सलाह दी है।
Photograph: (the sootr)
प्रदेश का पहला निजी क्षेत्र का जू है वनतारा
एनिमल रेस्क्यू सेंटर वनतारा की स्थापना रिलायंस समूह के अनंत अंबानी ने गुजरात के जामनगर में की है। यह तीन हजार एकड़ क्षेत्र में पहला देश का पहला निजी क्षेत्र का संरक्षित वन क्षेत्र है। यहां देश व विदेशों से घायल, विलुप्त होने वाले पशु-पक्षियों को रखा जाता है। वर्तमान में यहां एक लाख से अधिक पशु-पक्षी हैं, जिन्हें अलग-अलग परिस्थितियों में यहां लाया गया।
इन पशु पक्षियों जिनमें बाघ(tiger) , शेर, हाथी, चीता, सहित अन्य पशु शामिल हैं, को उनके प्राकृतिक आवास में रखा जा रहा है। वन्यजीव संरक्षण के लिए यहां आधूनिक तरीके से रिसर्च भी किए जा रहे है। इस वनतारा जू की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके है। वहीं मुख्यमंत्री डां मोहन यादव इसी तर्ज पर प्रदेश के दो शहरों में जू खोलने की घोषणा कर चुके है।