दो लेडी कांस्टेबल लापता : युद्ध कौशल और बॉर्डर क्रॉस करने में माहिर, नेपाल-बांग्लादेश भागने की योजना

मध्यप्रदेश के ग्वालियर के टेकनपुर से बीएसएफ की दो कांस्टेबल के लापता होने के बाद एसपी ने टीम गठित कर दी है। पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी है। बीएसएफ ग्वालियर और पश्चिम बंगाल, एसआईटी और इंटेलिजेंस की टीमें तलाश में है... 

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Arvind Sharma
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दो लेडी कांस्टेबल लापता : ग्वालियर की बीएसएफ अकादमी से लापता हुईं दो महिला कांस्टेबल कई तरह की योग्यता रखती हैं। इनका सबसे मजबूत पक्ष ये है कि दोनों ही युद्ध कौशल और बॉर्डर सुरक्षा और क्रॉस करने में माहिर हैं। पुलिस की सबसे बड़ी चिंता यही है कि लापता हुईं दोनों कांस्टेबल पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश और नेपाल की सीमाओं में प्रवेश कर गईं तो उन्हें खोजना मुश्किल हो जाएगा। 

दोनों की आखिरी लोकेशन पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर मिली

बीएसएफ अकादमी टेकनपुर के हॉस्टल से एक महीने पहले गायब होने वाली दो लेडी कांस्टेबल की तलाश में ग्वालियर से एसआईटी की टीम शनिवार को पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गई। वहीं पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश बॉर्डर पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। दोनों की तलाश को लेकर इंटेलिजेंस भी अर्लट मोड पर है। दरअसल दोनों लेडी कांस्टेबल शहाना खातून और आकांक्षा निखर बीएसएफ की सहायक प्रशिक्षण सेंटर में पदस्थ थी। दोनों ही युद्ध कौशल और बॉर्डर पर किस तरह से सुरक्षा करनी है, निकलना है उसमें भी माहिर थी। लापता लेडी कांस्टेबल शाहाना खातून पर किडनैपिंग का केस बिलौआ थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि दोनों कांस्टेबल की आखिरी लोकेशन पश्चिम बंगाल मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में मिली थी।

मां ने कहा, बेटी पर किया काला जादू

पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आया है कि दोनों लेडी कॉस्टेबलों के बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों बीएसएफ अकादमी के हॉस्टल में एक ही रूम में रहते थे। पहले भी दोनों एक साथ 15 दिन की छुट्टी लेकर गई थी। लेडी कॉस्टेबल शहाना खातून और आकांक्षा के घर जबलपुर भी गई थी। वहां पर दोनों चार दिन एक साथ रहे। वहीं आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर ने बताया कि उसकी बेटी पर शाहना ने काला जादू किया है। उन्होंने बताया कि जबलपुर से दोनों एक साथ निकली थी। वहां आकांक्षा सहेली आरक्षक शाहना खातून के घर मुर्शिदाबाद में रुकी। इसके बाद बेटी से संपर्क कम होने लगा। उनकी आखिरी बार बेटी से पांच जून को हुई थी। इसके बाद वह अनमने मन से बात करने लगी। 

एसपी ने एसआईटी टीम की गठित

ग्वालियर जिले के टेकनपुर स्थित बीएसएफ अकादमी में दो महिला कांस्टेबल आकांक्षा निखार और शाहना खातून छह जून को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई। बीएसएफ अकादमी की तरफ से बिलौआ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आकांक्षा निखर जबलपुर की रहने वाली है, जबकि शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली है। एसआईटी की जांच के आधार पर पुलिस थाने में शहाना पर आकांक्षा के अपहरण की एफआईआर दर्ज की गई है। शहाना की बहन सहित अन्य परिजनों को आरोपी बनाया गया है। जबलपुर की रहने वाली लापता कांस्टेबल आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर ने ग्वालियर एसपी को जनसुनवाई में आवेदन दिया था। उसके बाद एसपी ने एसआईटी की टीम गठित कर दी। डीएसपी चंद्रभान सिंह ने कहा कि आकांक्षा की खोज में शनिवार की सुबह टीम पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद रवाना हो गई है। वहीं दूसरी और मुर्शिदाबाद पुलिस के सहयोग से लेडी कॉस्टेबल आकांशा की तलाश की जा रही है।  

पुलिस ने मोबाइल फोरेसिंक टीम के पास भेजा

पुलिस के अनुसार गायब होने से पहले दोनों कांस्टेबल ने मोबाइल का डेटा डिलीट कर दिया था। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उन्हें डेटा डिलीट करने की नौबत क्यों आई। बीएसएफ के अधिकारियों ने मोबाइल पुलिस को सौंप दिए है। पुलिस ने मोबाइल फोरेसिंक टीम के पास भेजा है। डेटा भी री-कवर किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि दोनों प्लानिंग के साथ बीएसएफ के कैंप से निकली। लेडी कांस्टेबल आकांक्षा ने पश्चिम बंगाल पहुंचने तक रास्ते में अनजान लोगों से फोन मांगकर घरवालों से बात की। 

शहाना के घर पर रखी जा रही है नजर

पश्चिम बंगाल और ग्वालियर की बीएसएफ की टीमें शाहना के घर और आसपास के हर मूवमेंट पर नजर रखे हुए है। मामला बंगाल से जुड़ा होने की वजह से इंटेलिजेंस भी अर्लट मोड पर है। शहाना खातून बीकन हॉस्पीटल के बाहर सीसीटीवी में भी नजर आई है। वहीं दूसरी ओर शहाना खातून ने मां और बड़ी बहन बीकन अस्पताल पहुंची थी। जहां पर वह लेडी कांस्टेबल से बात कर रही है। ग्वालियर रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में भी दोनों दिख रहे है। पुलिस ने जो सीसीटीवी फुटेज खंगाले है उसमें दोनों लेडी कांस्टेबल मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर रेलवे स्टेशन में भी दिख रहे हैं।

 

मां बोली: शाहना के घर पहुंची, बेटी से नहीं मिलने दिया

उर्मिला निखर ने बताया कि वह अपनी बेटी की खोज में शहाना खातून के पश्चिम बंगाल में स्थित घर पर गई थी, लेकिन बेटी से मिलने नहीं दिया गया। वहां पर उनके साथ में मुर्शिदाबाद और बहरामपुर की पुलिस थी, लेकिन भीड़ एकत्रित हो गई। पुलिस के साथ वह बेरंग ही लौट आई। उन्होंने अपनी बेटी की जान को खतरा भी बताया है। साथ ही उनका रो-रोकर बुरा हाल है।

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