यूजीसी का नया नियम: हर कॉलेज में स्टूडेंट सर्विस सेंटर और मेंटल काउंसलर होना जरूरी

यूजीसी ने सभी कॉलेजों में स्टूडेंट सर्विस सेंटर (SSC) अनिवार्य करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य छात्रों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन देना है, ताकि वे बेहतर पढ़ाई कर सकें। नया नियम अगले सत्र से लागू होगा।

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Manya Jain
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UGC GUIDLINE TO OPEN STUDENT CENTRE IN EVERY COLLEGE
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फैसला किया है कि अब हर कॉलेज में स्टूडेंट सर्विस सेंटर (SSC) स्थापित करना जरूरी होगा।

 इसका मकसद छात्रों को मानसिक और भावनात्मक समस्याओं से बचाना है ताकि वे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे सकें। नए सत्र से प्रदेश के सभी कॉलेजों में यह कदम लागू होगा।

🧠 छात्रों को मानसिक सहारा और स्ट्रेस मैनेजमेंट मिलेगा

इस सर्विस सेंटर के जरिए छात्रों को तनाव कम करने और अपनी भावनाओं को संभालने की कला सिखाई जाएगी। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों और अलग अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को इस सहायता की ज्यादा जरूरत होती है।

साथ ही, विशेष जरूरत वाले विद्यार्थी भी इससे लाभान्वित होंगे। इससे वे जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाएंगे।

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👩‍⚕️ प्रोफेशनल हेल्थ काउंसलर रहेंगे मौजूद

यूजीसी ने निर्देश दिया है कि इस सेंटर में फिजिकल और मेंटल हेल्थ काउंसलर मौजूद हों, जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याओं को समझकर मदद कर सकें।

साथ ही, जरूरी टेस्ट और मूल्यांकन के लिए भी संसाधन उपलब्ध हों ताकि छात्रों की सही जांच की जा सके।

👨‍🏫 प्रबंधन और नियुक्ति की शर्तें

इस सर्विस सेंटर का प्रबंधन एक ऐसे अधिकारी द्वारा किया जाएगा जिसकी पदवी प्रोफेसर के बराबर हो। उनका विशेषज्ञता क्षेत्र मनोविज्ञान, खेलकूद, मनोरोग, समाजशास्त्र या सामाजिक कार्य जैसे विषयों में होना जरूरी है।

अगर किसी कॉलेज में ये विषय उपलब्ध नहीं हैं, तो वे अपने नजदीकी विश्वविद्यालय या संस्थान से मदद ले सकते हैं।

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📞 परामर्श के कई विकल्प

छात्रों को सहायता ऑनलाइन, व्यक्तिगत रूप से, फोन हेल्पलाइन या समूह सत्रों के माध्यम से दी जाएगी। इससे हर छात्र अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार मदद ले सकेगा।

यह तरीका छात्रों की समस्या को समझने और उनका समाधान निकालने में प्रभावी साबित होगा।

💡 यूजीसी ने सुझाव भी मांगे हैं

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों से इस योजना को बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे हैं। इससे वास्तविक समस्याओं की पहचान होगी और ज़रूरत के अनुसार सुधार किए जा सकेंगे।

🎯 नेशनल एजुकेशन पॉलिसी और छात्र कल्याण

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी भी विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर खास ध्यान देती है ताकि वे पढ़ाई के साथ अपने करियर पर भी बेहतर ध्यान दे सकें।

इसी नीति के तहत कॉलेजों में छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग का आयोजन भी जरूरी किया गया है, जिससे वे सुरक्षित महसूस कर सकें।

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