उज्जैन : बाबा महाकाल की निकाली राजसी सवारी, सात स्वरूपों में दिए दर्शन

उज्जैन में बाबा महाकाल की राजसी सवारी निकाली । इस दौरान सवारी को पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। वहीं भगवान महाकाल ने अपने सात स्वरूपों भक्तों को दर्शन दिए...

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के उज्जैन में भाद्रपद माह की दूसरी व प्रमुख बाबा महाकाल की राजसी सवारी धूमधाम से निकली गई। इस दौरान भगवान महाकाल ( Lord Mahakal ) ने चंद्रमोलेश्वर रूप में भक्तों को दर्शन दिए। सवारी की शुरूआत में बाबा महाकाल ( Baba Mahakal ) को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद ढोल-धमाकों के साथ महाकाल की सवारी निकली। जिस पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पुष्प वर्षा की गई। सवारी मार्ग पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( Chief Minister Dr. Mohan Yadav ) के परिवारजनों महाकालेश्वर की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन विधिवत रूप से प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने किया। 

सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने दी सलामी

रजत पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंचे, बड़ी श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का स्वागत-वंदन किया। वहां पर पुलिस बैंड, सशस्त्र पुलिस बल (armed police force ) के जवानों और प्रदेश के विभिन्न बटालियनों के जवानों द्वारा सवारी को सलामी देकर सवारी के साथ चल रहे थे। पालकी के आगे सशस्त्र पुलिस बल के जवान की टुकडियां चल रही थी।  भगवान की सवारी अपने निश्चित मार्गों से होती हुई रामघाट पहुंची। रामघाट पर  शिप्रा नदी के जल से जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। 

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पूजा अर्चना के दौरान 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप भगवान महाकाल का रामघाट पर पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की गई। भगवान के सवारी मार्ग के ढाबा रोड पर स्थित सत्यनारायण मंदिर (Satyanarayan Temple ) पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Union Minister Jyotiraditya Scindia ) ने अपने पुत्र महाआर्यमान सिंधिया के साथ भगवान की पूजा की। 

गुदुम बाजा की दिखी झलक

सवारी में मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले की जनजाति का गुदुम बाजा लोक नर्तक दल दिनेश कुमार भार्वे के नेतृत्व में भजन  मंडली शामिल हुए । गुदुम बाजा वाद्य के साथ किये जाने वाले प्रदेश के गौंड जनजाति के नृत्य ने सवारी में श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।  आपको बता दें कि गुदुम बाजा मध्यप्रदेश के डिंडोरी और शहडोल जिले में रहने वाले जनजातियों का अत्यन्त पारम्परिक वाद्य है। 

 

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