उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह को इंदौर हाईकोर्ट की डबल बैंच से बड़ी राहत मिल गई है। उनके खिलाफ लगी अवमाना याचिका पर हुए सिंगल बैंच के आदेश पर आश्चर्य जताया गया।
अब उज्जैन कलेक्टर सिंह को हाईकोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं होगी। अवमानना याचिका में भी सुनवाई आज (10 जुलाई) बुधवार को ही लगी है। बैंच ने साफ कर दिया कि आप सुनवाई में बोल दीजिएगा कि डबल बैंच ने सुन लिया है। जल्द आर्डर भी जारी हो जाएगा।
यह है मामला
गुलाब चंद की एक जमीन के नामांतरण का केस था, जिसमें मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। हाईकोर्ट में प्रशासन (तहसीलदार शैफाली जैन) ने कहा था कि नामांतरण प्रक्रिया करेंगे, लेकिन इसके बाद भी नहीं की।
इसके खिलाफ अवमानना याचिका तहसीलदार शैफाली के साथ ही कलेक्टर नीरज सिंह के खिलाफ दायर हुई। इसमें 31 मई 2014 को कोर्ट ने पांच दिन में नामांतरण आदेश दिए, लेकिन नहीं होने पर फिर पीड़ित पक्ष ने जैन और कलेक्टर सिंह के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। इसमें 3 जुलाई को कोर्ट ने दोनों को ही 10 जुलाई को व्यक्तिगत पेश होने के आदेश दिए। इस आदेश के खिलाफ कलेक्टर सिंह डबल बैंच में गए थे।
डबल बैंच ने सिंगल बैंच के आर्डर पर आश्चर्य जताया
जस्टिस एसए धर्माधिकारी व जस्टिस गजेंद्र सिंह की बैंच में इस बात पर आश्चर्य जताया है कि इसे कलेक्टर पार्टी में ही नहीं था, फिर उनके खिलाफ क्यों यह आदेश हुए।
साथ ही इसमें यह भी तकनीकी खामी थी कि पीड़ित पक्ष ने अवमानना याचिका साल 2023 के फैसले के खिलाफ लगाना बताया, जबकि हाईकोर्ट ने 31 मई 2024 को आदेश दिए थे। नामांतरण पांच दिन में करें, ऐसे में तकनीकी तौर पर यह याचिका मैंटेनेबल नहीं है, क्योंकि फाइनल आर्डर से पहले अवमानना नहीं लग सकती है।
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