उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नए साल के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना के मद्देनजर प्रशासन ने दर्शन के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। मंदिर प्रशासन ने घोषणा की है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट बंद रहेगा और भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग भी स्थगित कर दी गई है। इस निर्णय से सभी भक्तों को सामान्य दर्शन के लिए कतार में लगना होगा, लेकिन प्रशासन का दावा है कि उन्होंने एक ऐसी व्यवस्था तैयार की है जिससे सभी श्रद्धालुओं को 40 से 45 मिनट में दर्शन हो सकेंगे।
नहीं मिलेगा शीघ्र दर्शन टिकट
उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में नए साल के स्वागत के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। जिसके मद्देनजर, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को 250 रुपए वाला शीघ्र दर्शन टिकट सेवा बंद कर रहेगी और भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग भी स्थगित कर दी गई है। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए दर्शन की विशेष व्यवस्था की है, जिससे सभी को 40 से 45 मिनट में दर्शन हो सकें। नए साल पर दस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
दर्शन को लेकर विशेष इंतजाम
दरअसल, हर साल की तरह इस बार भी नए साल के मौके पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचेंगे। इस दौरान मंदिर प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं कि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी का सामना न करना पड़े। इस साल खास बात यह है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को शीघ्र दर्शन टिकट और भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग नहीं होगी। इसका मतलब है कि सभी भक्तों को सामान्य दर्शन की कतार में लगना पड़ेगा, लेकिन दर्शन की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
40 से 45 मिनट में होंगे दर्शन
मंदिर प्रशासन का दावा है कि दर्शन की विशेष व्यवस्था के तहत सभी भक्तों को 40 से 45 मिनट में दर्शन करवा दिए जाएंगे। सामान्य दर्शनार्थियों को चारधाम मंदिर के सामने से दर्शन की कतार में लगना होगा और वे शक्तिपथ, महाकाल महालोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर, महाकाल टनल से होते हुए गणेश मंडप तक जाएंगे। वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए अलग रास्ता होगा, और वे हरिफाटक ओवर ब्रिज से बेगमबाग के रास्ते नीलकंठ द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे।
वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए अलग प्रवेश द्वार
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि नए साल पर महाकाल मंदिर आने श्रद्धालुओं के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था बनाई गई है। शहर में अलग-अलग जगहों पर पार्किंग बनाई गई है। साथ ही, मंदिर प्रशासन ने वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए अलग प्रवेश द्वार (अवंतिका द्वार) और निःशुल्क व्हीलचेयर सेवा की व्यवस्था की है। दर्शन के बाद भक्त गेट नंबर 10 या निर्माल्य द्वार से बाहर निकलेंगे और वापस चारधाम मंदिर पहुंचने के लिए हरसिद्धि चौराहा से गुजरेंगे।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपाय
तहसीलदार और मंदिर समिति के अधिकारियों का कहना है कि भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रोटोकॉल लागू किया गया है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। क्यू कंट्रोल के अलावा, अलग-अलग पार्किंग क्षेत्र और विभिन्न प्रवेश द्वार से भक्तों का प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा ताकि कोई भी श्रद्धालु परेशान न हो। मंदिर प्रशासन ने यह भी बताया है कि भक्तों को सुबह 4 बजकर 10 मिनट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
प्रसाद और भस्म आरती के लिए विशेष इंतजाम
मंदिर प्रशासन ने प्रसाद की व्यवस्था भी की है। चारधाम मंदिर के पास और पार्किंग स्थलों पर करीब 10 प्रसाद काउंटर लगाए गए हैं, जहां भक्त लड्डू प्रसाद के पैकेट खरीद सकते हैं। इसके अलावा भस्म आरती को लेकर भक्तों को महाकाल लोक के फैसिलिटी सेंटर से लाइन में लगना होगा। वहां से भक्त महाकाल टनल होते हुए कार्तिकेय मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। सोमवार को सोमवती अमावस्या पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी, सोमवार को करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें