सावन का महीना चल रहा है। सावन के महीने में उज्जैन में भक्तों का मेला लगाता है, महाकालेश्वर मंदिर लाखों भक्त बाबा के दर्शन करने आते हैं, शुक्रवार को एक दर्जन से ज्यादा भक्तों को निक्कर पहनकर बाबा के दर्शन करने गए थे, लेकिन मंदिर के सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया और उनके निक्कर निकलवा दिए। मंदिर में भक्तों के कपड़े उतरवाते देख वहां अफरा तफरी मचने लगी और कई श्रद्धालु अपने कपड़े छुपाते हुए दिखे।
क्यों उतवाई निक्कर
मंदिर में भक्तों के निक्कर इसलिए उतरवाए गए थे क्योंकि उनके निक्कर पर महाकाल और त्रिपुंड प्रिंट थे। निक्कर पर महाकाल का प्रिंट देख मंदिर के कर्मचारियों ने भक्तों को रोक दिया। कई श्रद्धालु महाकाल प्रिंट वाले निक्कर पहनकर मंदिर में जा रहे थे।
कार्रवाई नहीं की गई
भक्तों को रोकने के बाद टॉवल पहनकर भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। हालांकि श्रध्दालुओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। भक्तों को दूसरे कपड़े पहनने के लिए दिए गए थे। साथ ही हिदायत भी दी कि इस प्रकार के कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं करना है।
धार्मिक भावनाएं आहत
मंदिर के पुजारी महेश शर्मा का कहना है कि इस प्रकार के कपड़े पहनने से धार्मिक भावना आहत होती हैं, साथ ही महाकाल मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने की बात कह चुके हैं। महकाल मंदिर में ड्रेस कोड लागू होना जरूरी है। धार्मिकता के अनुसार ही वस्त्र पहनकर प्रवेश होना चाहिए। इस तरह की कार्रवाई मंदिर में पहली बार हुई है।
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