महाकाल के भक्तों के लिए हर दिन बनाए जाते हैं 30 क्विंटल लड्डू, गुणवत्ता के लिए मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

तिरुपति मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर देशभर में मचे घमासान के बीच देश के अन्य कई मंदिरों में भी प्रसाद की शुद्धता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Advertisment
author-image
Sourabh Bhatnagar
New Update
प्रसाद प्रसाद
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इस समय तिरुपति मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर देशभर में घमासान मचा हुआ। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रूबाबू नायडू ने मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने को लेकर प्रदेश की पिछली जगमोहन रेड्डी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। सीएम के आरोपों की जांच में पुष्टि भी हो चुकी है। अब प्रसाद को लेकर सरकार क्या एक्शन लेगी यह देखना वाली बात है। Tirupati Temple में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के साथ ही अब देश के अन्य मंदिरों में भी प्रसाद की शुद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

ऐसे में मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर भी शिवभक्तों के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। यहां रोजाना लाखों भक्त महाकाल की पूजा और दर्शन के लिए आते हैं। इन भक्तों को भी महाकाल के प्रसाद के रूप में लड्‌डू दिए जाते हैं। इसलिए आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि महाकालेश्वर मंदिर में प्रसाद बनाने की प्रक्रिया क्या है। इसमें कौनसे घी का इस्तेमाल किया जाता है और यह कितना शुद्ध है? आइए जानते हैं सब कुछ...

अधिकारियों की देखरेख में बनते हैं लड्डू 

महाकाल मंदिर ( Mahakal Temple ) में चढ़ाए जाने वाले लड्डू मंदिर समिति की चिंतामण क्षेत्र स्थित इकाई में तैयार होते हैं। इन लड्डुओं को अधिकारियों की देखरेख बनाया जाता है। मंदिर प्रबंध समिति लड्डुओं में शुद्धता बनाए रखने के लिए बेसन की बजाए चने की दाल खरीदती है, जिसे इकाई में ही लगी चक्की में ही पिसवाया जाता है। इसके साथ ही जांच के बाद लड्डू में रवा, काजू, किसमिस और शक्कर का बूरा भी मिलाया जाता है। वहीं, लड्डू में मिलाए जाने वाला देसी घी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अधिकृत सांची डेरी से खरीदा जाता है।

ड्रायफ्रूट की होती है जांच

महाकाल

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक पीयूष त्रिपाठी का दावा है कि मंदिर के प्रसाद की शुद्धता के लिए समिति को कई राष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं। इनमें से SAGE भोग प्रसाद और 5 स्टार रेटिंग अहम है। उन्होंने बताया कि पहले लड्डू में मिलाए जाने वाले ड्रायफ्रूट की जांच की जाती है और फिर ही उसे उपयोग में लिया जाता है। उनका कहना है कि कई लड्डुओं के सैंपल को अचानक जांच के लिए भी भेजे गए, लेकिन आज तक कोई सैंपल जांच में फेल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 5 स्टार रेटिंग कायम रखने के लिए हाइजीन का भी पूरी ध्यान रखा जाता है। उनका दाव है कि प्रसाद बनाए जाने से पहले, बनाने वालों की स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है। 

रोजाना बनते हैं 30 क्विंटल लड्डू

Tirupati Prasad Controversy Know Ujjain Mahakal Laddu Prasad Recipe Process Ghee Besan

लड्डू बनाने वाली यूनिट के प्रभारी की मानें कि हर दिन 25 से 30 क्विंटल लड्डू बनाए जाते हैं। उनका कहना है कि इन लड्डुओं की हर दिन खपत भी हो जाती है। यूनिट के प्रभारी के मुताबिक, विशेष पर्वों पर लड्डुओं की संख्या दोगुनी हो जाती है। इन दिनों लगभग 55-65 क्विंटल लड्डू तैयार किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बाद में इन लड्डुओं के 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलोग्राम के पैकेट बनाए जाते हैं। यह लड्डू 50 रुपए के पैकेट से  400 रुपए के पैकेट में भक्तों के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं।

अयोध्या भेजे गए थे 2 लाख लड्डू

LADDU

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने 2 लाख लड्डू श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट को भेजे थे। दावा है कि इनकी शुद्धता के चलते ये इतनी जल्दी खराब नहीं होते हैं। इन्हें आसानी से 20 दिनों तक रखा जा सकता है। 

FSSAI ने दी 5 स्टार रेटिंग

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा बनवाए जाने वाले लड्डुओं को FSSAI की ओर से 5 स्टार रेटिंग मिली हुई है। समिति का कहना है ऐसा देश के कुछ ही मंदिरों में है।  मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा का कहना है कि लड्डुओं की अच्छी गुणवत्ता के कारण समिति को 3 से 4 बार अवॉर्ड मिल चुका है। उनका कहना है कि शुरुआत से लेकर अब तक प्रसाद बनाने की प्रक्रिया एक जैसी है, इसमें कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।

Tirupati Prasad Controversy Know Ujjain Mahakal Laddu Prasad Recipe Process Ghee Besan

कैसे शुरू हुआ तिरुपति प्रसाद विवाद?

दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली सरकार में तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर में मिलने वाले प्रसाद बनाने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसके बाद 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF Ltd.) भेजे थे। 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट में एक फर्म के घी में मिलावट पाई गई। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) (पशुधन और फूड में एनालिसिस और लर्निंग सेंटर) ने मुताबिक जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार किया गया घी से प्रसाद के लड्डू बनाए जा रहे हैं।

इसके बाद 22 जुलाई को मंदिर ट्रस्ट ने बैठक के बाद 23 जुलाई को प्रसाद वाले घी के सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजे गए। इसकी चौंकाने वाली रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई। इस पर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तत्कालीन जगन सरकार पर हमला बोला। चंद्रबाबू नायडू सरकार ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। इस तरह के कृत्य से मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंची। ये आस्था से बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ।

जांच रिपोर्ट क्या कहती है?

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के (NDDB) और खाद्य विश्लेषण और अध्ययन केंद्र या CALF की प्रयोगशाला की रिपोर्ट में सामने आया है कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने के लिए जो घी इस्तेमाल होता था वो मिलावटी था। इसमें  एनिमल टैलो (पशु में मौजूद फैट) और लार्ड (जानवर की चर्बी से संबंधित) की मात्रा पाई गई है। घी में फिश ऑयल (fish oil) की मात्रा भी पाई गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रसादम लड्डू में सोयाबीन, सूरजमुखी, अलसी, गेहूं के बीज, जैतून, रेपसीड, मक्का के बीज, कपास के बीज, मछली तेल, नारियल और पाम कर्नेल वसा, पाम तेल और बीफ टेलो (गौमांस की चर्बी), लार्ड शामिल है।

thesootr links

 सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

एमपी न्यूज Mahakal Temple मध्य प्रदेश baba mahakal temple तिरुपति मंदिर ट्रस्ट हिंदी न्यूज आंध्र प्रदेश एमपी न्यूज हिंदी Ujjain Mahakaleshwar Temple उज्जैन न्यूज नेशनल हिंदी न्यूज Management committee उज्जैन FSSAI fssai servay चंद्रबाबू नायडू टीडीपी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू FSSAI का लाइसेंस लड्डू में चर्बी तिरुपति मंदिर प्रसाद विवाद