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राम सिंह चौहान @ उज्जैन
हर साल, नागपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के ऊपर विराजित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट एक दिन के लिए खुलते हैं। इस साल नागपंचमी पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा लेकिन इसके पहले, 28 जुलाई को रात 12 बजे इस पवित्र मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
इसके बाद, 29 जुलाई की रात 12 बजे तक 24 घंटे तक लगातार दर्शन होंगे। नागचंद्रेश्वर मंदिर का महत्व विशेष है, और इसकी परंपरा केवल नागपंचमी पर ही निभाई जाती है।
श्रद्धालु इस दिन भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर पहुंच सकते हैं। इस अवसर पर मंदिर के दर्शन से उन्हें विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो उनके जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आती है।
कलेक्टर कार्यालय में नागपंचमी आयोजन की बैठक
नागपंचमी पर्व के आयोजन और मंदिर में दर्शनार्थियों की व्यवस्था को लेकर कलेक्टर रोशन कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक और महंत विनीत गिरी जी महाराज के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में विभिन्न व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई, ताकि दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे मंदिर में बने एयरो ब्रिज की क्षमता का तकनीकी परीक्षण करें। यह ब्रिज IIT रुड़की द्वारा निर्मित किया गया है।
दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था
नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु कर्कराज मंदिर की पार्किंग में अपनी गाड़ियां पार्क करेंगे। इसके बाद, वे भीलसमाज धर्मशाला में स्थित जूता स्टैंड पर अपने जूते-चप्पल रखेंगे।
इसके बाद श्रद्धालु गंगा गार्डन के पास कतारबद्ध होंगे। वहां से उन्हें एक विशेष मार्ग के माध्यम से चारधाम मंदिर होते हुए एयरो ब्रिज तक पहुंचना होगा, जहां से वे नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने जाएंगे।
दर्शन के बाद का मार्ग
दर्शन के बाद, श्रद्धालु एयरो ब्रिज से विश्राम धाम रैंप, बड़ा गणेश के सामने से होते हुए हरसिद्धि चौराहा और हरसिद्धि धर्मशाला के सामने से गंतव्य तक पहुंचेंगे। इस दौरान मंदिर की व्यवस्था पूरी तरह से सुव्यवस्थित की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और वे आसानी से दर्शन कर सकें।
नागचंद्रेश्वर मंदिर का महत्व
नागचंद्रेश्वर मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के ऊपर स्थित है, और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह मंदिर हर साल नागपंचमी पर श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है, जो भगवान नागचंद्रेश्वर की विशेष पूजा करते हैं। इस मंदिर के दर्शन से विशेष कृपा प्राप्त होती है, और यह दिन भगवान शिव और नाग देवता की उपासना का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
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