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नगर निगम भोपाल Photograph: (THE SOOTR)
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नगर निगम भोपाल Photograph: (THE SOOTR)
BHOPAL. राजधानी भोपाल में नगर निगम की भवन अनुमति शाखा गड़बड़झालों का अड्डा बन गई है। शहर भर में भवन अनुज्ञा की गाइडलाइन को तोड़कर निर्माण की अनुमति जारी करने का खेल जारी है। बीते दिनों इस शाखा में कार्यरत इंजीनियरों ने सिटी प्लानर द्वारा निरस्त अनुज्ञा को दरकिनार कर फर्जी अनुमति जारी कर दी थी।
यह इकलौता मामला नहीं है ऐसे दर्जनों मामले इनदिनों नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा की कारगुजारियों को उजागर कर रहे हैं। भवन निर्माण की अनुमति जारी करने के निगम के इंजीनियर ही नहीं सिटी प्लानर की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
नगर निगम क्षेत्र में नियम विरुद्ध भवन निर्माण की अनुमति को लेकर जो खेल चल रहा है वो किसी से छिपा नहीं है। बात चाहे रहवासी इलाकों में व्यावसायिक इमारतों के निर्माण की हो या बंधक, उद्यान या ग्रीन लैंड के लिए आरक्षित भूखंडों पर बिल्डिंग बनाने की अनुमति की हो।
बीते कुछ महीनों में धड़ाधड़ अवैध तरीके से अनुमतियां जारी की गई है। स्थिति ये है कि मुख्य शहर के साथ ही उपनगरीय इलाकों में भी अनगिनत जगह कॉलोनाईजर और बिल्डर बिना अनुमति के भवन निर्माण कर रहे हैं। वहीं ऐसे निर्माण को नगर निगम के सिटी प्लानर से लेकर अनुज्ञा शाखा में पदस्थ इंजीनियर अनदेखा कर रहे हैं।
बीते समय में नगर निगम की अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी की गई निर्माण अनुमतियां सवालों के घेरे में हैं। कुछ माह पहले कोलार क्षेत्र में कृतिका मैरिज गार्डन के संचालन को नगर निगम द्वारा अनुमति दी गई थी। इस अनुमति में भी नियम और गाइडलाइन की अनदेखी अधिकारियों द्वारा की गई। हाइटेंशन लाइन ऊपर से गुजरी होने के बावजूद सिटी प्लानर अनूप गोयल ने इस पर आपत्ति नहीं ली और संचालन की अनुमति दे दी।
दूसरा मामला अरेरा कॉलोनी से संबंधित है। यहां आवासीय भूखंड के उपयोग परिवर्तन के बावजूद चर्चित आई हॉस्पिटल को भवन निर्माण की अनुज्ञा जारी कर दी गई। यह मामला भी सिटी प्लानर की जानकारी में था। निगम के ही एक उपयंत्री द्वारा आवासीय भूमि पर व्यावसायिक भवन की कंपाउंडिंग पर आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद सिटी प्लानर ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया। यही नहीं कंपाउंडिंग के लिए निर्धारित फीस में भी भवन निर्माता को अनाधिकृत रूप से राहत दे दी गई है।
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जिम्मेदार अधिकारियों के पास अपनी भूमिका पर उठ रहे सवालों का सटीक जवाब भी नहीं है। यही वजह है कि भवन निर्माण अनुज्ञा शाखा में जारी गड़बड़ियों पर उनका नियंत्रत नहीं है। शाखा में दो कर्मचारी योगेश शाक्य और साबिर खान को नियम विरुद्ध तरीके से काम कराया जा रहा है। योगेश का मूल पद वैक्सीनेटर है जिनका दायित्व वैक्सीनेशन से संबंधित है।
हालांकि सिटी प्लानर द्वारा उन्हें अनुज्ञा शाखा की कॉलोनी सेल में नगर निगम के सभी जोनों की दस्तावेजी कार्रवाई के लिए लिपिकीय दायित्व सौंपा गया है। वहीं साबिर खान भी भवन अनुज्ञा शाखा का नियमित कर्मचारी नहीं है। निगम के रिकॉर्ड में उसे अतिक्रमण निरोधी कार्रवाई का दायित्व सौंपा गया है इसके बावजूद वह अपना मूल दायित्व छोड़ अनुज्ञा शाखा में कार्यरत है।
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भवन निर्माण शाखा में जारी गड़बड़ियों को लेकर द सूत्र ने नगर निगम भोपाल के सिटी प्लानर अनूप गोयल से बात की। उनसे नियम विरुद्ध निर्माण अनुमतियों पर सवाल करने पर गोयल का कहना था कई बार अनुमति जारी करने में चूक हो जाती है इसलिए ऐसे मामलों में जानकारी आने पर अनुमति निरस्त करने का प्रावधान है।
हालांकि वे मैरिज गार्डन और आवासीय भूखंड पर आई हॉस्पिटल के व्यावसायिक इमारत के निर्माण पर कार्रवाई पर सटीक जवाब नहीं दे सके। जब गोयल से भवन निर्माण शाखा में अनाधिकृत कर्मचारियों से काम कराने का सवाल किया गया तो वे ऐसे कर्मचारियों के बचाव में खड़े दिखे। गोयल का कहना था आप पद मत देखिए, इन कर्मचारियों को काम का आठ-दस साल का अनुभव है। इसलिए इनसे काम करा रहे हैं।
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