Union Budget 2024-25 : मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार से क्या डिमांड की थी, क्या मिला

सीएम मोहन यादव ने बजट को लेकर कहा कि विकसित भारत का बजट है और उसी में मप्र का विकास भी है, जबकि कांग्रेस ने बजट को लेकर कहा कि ये गरीब और आम आदमी की अनदेखी करने वाला बजट है। 

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Pratibha ranaa
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सिंहस्थ के नाम पर सन्नाटा
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को सातवीं बार बजट- 2024-25 का आम बजट पेश किया। 1 घंटे 23 मिनट के भाषण में कई अलग- अलग घोषणाएं की गईं। केंद्र सरकार ने 48 लाख 20 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया है।

 2024 के इस बजट में सरकार ने महिला, युवा, किसान पर ज्यादा फोकस किया, लेकिन मध्य प्रदेश ने 29 सांसद दिए, बदले में सिर्फ झुनझुना मिला। बजट ने मध्य प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

एमपी की तरफ से थी ये डिमांड

बजट- 2024 में कहीं भी मध्य प्रदेश स्पेसिफिक योजनाओं का जिक्र नहीं किया। बता दें, 22 जून 2024 को प्रदेश के वित्त मंत्रियों की वित्त मंत्री सीतारमण के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में मप्र ने सिंहस्थ 2028 के लिए 20 हजार करोड़ की डिमांड की थी। इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन और आयुष्मान योजना को लेकर भी डिमांड थी। लेकिन इनमें से किसी भी योजना के बारे में भाषण में जिक्र नहीं हुआ। 

बैठक में एमपी की तरफ से थी ये डिमांड

  • उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की व्यवस्थाओं के लिए 20 हजार करोड़ की डिमांड की गई थी। 
  • बुजुर्ग पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन के 858 करोड़ का भार राज्य पर केंद्र से 300 रुपए महीने पेंशन के
    तौर पर मिल रहे, इसे बढ़ाया जाए।
  • आयुष्मान भारत योजना पर हर परिवार सालाना खर्च 1950 रुपए है, लेकिन केंद्र की लिमिट 1052 रुपए तय है। बढ़ी हुई
  • राशि के आधार पर केंद्र 60 फीसदी पैसा दे। अभी 70 फीसदी भार राज्य पर है।
    नवंबर 2023 की जीएसटी सेटलमेंट की राशि 1878 करोड़ होनी थी, लेकिन 1461 करोड़ मिले। 417 करोड़ दिए जाएं।

मध्य प्रदेश को बजट में क्या मिला ?

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में मध्यप्रदेश को करीब 10 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। इस राशि से उज्जैन में रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे बनाया जाएगा। यह रोप-वे श्रद्धालुओं को सिर्फ 7 मिनट में स्टेशन से मंदिर तक पहुंचा देगा। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर और ग्वालियर में रिंग रोड के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है।
एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने की घोषणा

मोदी 3.0 की सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी 5 योजनाओं का ऐलान किया है। इसमें सबसे टॉप 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने की घोषणा है। ये स्कीम मध्यप्रदेश की सीखो-कमाओ योजना की ही तरह है।

केंद्रीय बजट में मध्यप्रदेश को ये भी मिला...

  • मध्यप्रदेश के लिए इन प्रोजेक्ट की घोषणा
  • उज्जैन में रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक रोप वे के लिए राशि का प्रावधान किया है। इस प्रोजेक्ट की लागत 100 करोड़ रुपए है। उज्जैन महाकाल मंदिर का ये रोप-वे प्रोजेक्ट 1.762 किमी लंबा होगा। यह मोनो केबल डिटेचेबल गोंडोला तकनीक से बनेगा। इसके तहत 3 स्टेशन और 13 टॉवर बनाए जाएंगे।
  • पिछले बजट 11 हजार करोड़ ज्यादा मिले
  • मध्यप्रदेश की केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ गई है इस कारण प्रदेश को पिछले बजट के मुकाबले 11 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। साथ ही मध्यप्रदेश में संचालित केंद्रीय योजनाओं के लिए 44 हजार करोड़ का अनुदान दिया गया है। विशेष केंद्रीय सहायता के तौर पर एमपी को 11 हजार 700 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे।

 

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर में केंद्र करेगा 29 हजार करोड़ खर्च
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए मध्यप्रदेश को करीब 10 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। इस राशि से पांच शहरों में रिंग रोड़ बनाए जाएंगे। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर और ग्वालियर में बनने वाले रिंग रोड के लिए राशि का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही उज्जैन में रोप वे का निर्माण भी किया जाएगा। मप्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार पांच साल में 29 हजार 710 करोड़ रु. खर्च करने वाली है। इसमें NHAI के 19 हजार करोड़ रुपए के 28 प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग के 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट शामिल है।

 

  • मध्यप्रदेश के 9 लाख युवाओं को मिलेगा काम 
  • मध्यप्रदेश की सीखो कमाओ की तर्ज पर केंद्रीय बजट में स्कीम की घोषणा की गई है। इससे रजिस्टर्ड करीब 9 लाख युवाओं को इंडस्ट्री में काम मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने बजट में 1 करोड़ युवाओं को 5 साल में स्किल्ड करने की घोषणा की है। साथ ही ये भी कहा है कि 1 हजार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट अपग्रेड किए जाएंगे। अगस्त 2023 में एमपी सरकार युवाओं के लिए 8 से 10 हजार रुपए महीने की पेड इंटर्नशिप स्कीम लांच की थी। इसमें एमपी के 9.27 लाख युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन बजट की कमी के चलते 17584 युवाओं को ही काम मिल पाया।

pratibha rana

 

 

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