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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसानों की स्थिति और आंदोलन पर तीखे सवाल किए। उपराष्ट्रपति के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा मांगा है। पटवारी ने शिवराज पर किसानों के मुद्दों को अनदेखा करने और जनता से झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया।
शिवराज पर झूठ बोलने का आरोप
भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पटवारी ने कहा, उपराष्ट्रपति ने शिवराज सिंह चौहान पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। अगर गूगल पर सर्च करें तो सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले नेताओं में शिवराज का नाम आता है।
समय मांगा था, लेकिन नहीं मिला
पटवारी ने बताया कि उन्होंने शिवराज से किसानों के हक और अधिकारों पर चर्चा के लिए समय मांगा था, लेकिन 12 हफ्ते बीतने के बावजूद उन्हें समय नहीं मिला। इसे उन्होंने सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे विपक्ष और व्यवस्था का अपमान बताया।
शिवराज को इस्तीफा देने की सलाह
पटवारी ने कहा, अगर शिवराज में राजनीतिक मर्यादा बची हो, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने उनके कामकाज पर सवाल उठाया है। संसद में दिए उनके बयान का सच भी उजागर हो गया है।
धनखड़ के बयान की सराहना
जीतू पटवारी ने उपराष्ट्रपति धनखड़ की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के हक की बात कर सरकार को आईना दिखाया है। पटवारी ने धनखड़ का नागरिक अभिनंदन करने और उनके साहस की प्रशंसा करने की बात कही।
कृषि मंत्री से सवाल, वादे क्यों नहीं निभाए गए?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधे सवाल किया था कि किसानों से जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? उन्होंने पूछा कि अगर किसानों से लिखित में कोई वादा हुआ था तो उसे पूरा क्यों नहीं किया गया? उनका मानना था कि यह समय है जब इन वादों को निभाया जाना चाहिए और किसानों के साथ तत्काल संवाद शुरू किया जाना चाहिए।
किसानों को अधिकार देने में कंजूसी क्यों
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा था कि किसानों के साथ बातचीत बिना किसी देरी के शुरू होनी चाहिए और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों से किए गए सभी वादे पूरे हों। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के विजन का हवाला देते हुए कहा कि जटिल समस्याओं का समाधान बातचीत से ही हो सकता है और सरकार को किसानों के साथ संवाद बढ़ाने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने सरकार पर किसानों को उनके अधिकार देने में कंजूसी करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार को बिना किसी देरी के किसानों को उनके अधिकार देने चाहिए। उनका मानना है कि जब वादा किया जाता है तो उसे पूरा किया जाना चाहिए।
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