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रेप के केस की पीड़िताएं 60 फीसदी मामलों में आरोपी को माफ करने की गुहार लगा रही हैं। यह बीते कुछ सालों के केस की स्टडी से सामने आया है। इसका कारण यह है कि आरोपी और पीड़िता शादी कर रहे हैं और ऐसे में वह चाहती है पति जेल नहीं जाए और जेल गया है तो बाहर आ जाए।
कुछ मामलो में सामने आया कि पीड़िताएं केवल शादी ही नहीं कर रही हैं, बल्कि शादी के बाद पत्नी का धर्म निभाते हुए आरोपियों को जेल से छुड़वाने के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रही हैं और साथ ही वकीलों की फीस तक भर रही हैं।
बाणगंगा थाने पर चार साल पहले युवक पर पीड़िता के अपहरण का आरोप लगा। वह जेल गया, बाद में जमानत पर छूटा तो दोनों ने शादी कर ली। फिर युवक जेल गया तो परिवार ने साथ छोड़ दिया लेकिन पत्नी ने साथ निभाया और बेटी के साथ कोर्ट आती है, बेटी भी गुहार लगा चुकी पापा को छोड़ दो।
ऐसे ही एक केस भंवरकुआं थाने में हुआ। नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म का केस एक युवक पर हुआ। बालिग होने पर दोनों ने शादी की, वह फिर जेल गया, अब पत्नी उन्हें छुड़ाने के लिए बार-बार कोर्ट गई। आखिर में युवक रिहा हुआ।
वहीं कुछ मामलों में पीड़िता द्वारा बयान बदलने यानी पक्षद्रोही होने पर सजा भी होती है। एक मामले में पीड़िता को तीन साल की सजा सुनाई गई थी। पीड़िता और आरोपी साथ में काम करते थे और सहमति से संबंध बने, बाद में पीड़िता ने युवक और दोस्त पर दुष्कर्म का केस लगाया और फिर कोर्ट में पलट गई। इसमें पीड़िता को तीन साल की सजा सुनाई गई।