मध्य प्रदेश के विदिशा का ऐतिहासिक विजय मंदिर एक बार फिर चर्चा में है। इस मंदिर को औरंगजेब ने 1682 में तोपों से तुड़वा दिया था। औरंगजेब ने यहां मस्जिद बनवा दी थी। तीन सौ से ज्यादा साल तक यहां मस्जिद ही रही। ये मंदिर अब एक बार फिर सुर्खियों में इसलिए है क्योंकि नई संसद भवन का डिजाइन विजय मंदिर की तरह है। अब यहां MP का नया पर्यटन स्थल बनने वाला है।
बता दें, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने नए संसद भवन की डिजाइन हूबहू विदिशा के विजय मंदिर से मिलती है। इस मंदिर को सूर्य मंदिर भी कहा जाता है। अब मोहन सरकार इसे टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करेगी।
1992 में सामने आया था मंदिर
दरअसल मलबे और मिट्टी के टीले में दबा यह मंदिर 1992 में आई बाढ़ में सामने आया था। इस मंदिर का निर्माण चालुक्यवंशी राजा ने विदिशा विजय को चिरस्थाई बनाने के लिए यहां पर भेल्लिस्वामिन (सूर्य) का मंदिर बनवाया था। चालुक्यवंशी खुद को सूर्यवंशी मानते थे, इसलिए उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। 10वीं व 11वीं शताब्दी में परमार काल में परमार राजाओं ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था।
कई बार मंदिर को तोड़ा गया
नए संसद भवन का निर्माण भी मध्य प्रदेश के ही विजय मंदिर से मिलता- जुलता है। विजय मंदिर पर कई बार तोड़ा और लूटा गया है। मोहम्मद गोरी के गुलाम अलतमश से लेकर औरंगजेब जैसे क्रूर शासकों ने यहां हमला किया था। लोगों ने इस मंदिर का कई बार निर्माण भी करवाया। बता दें, विजय मंदिर के पीछे चार मीनारे दिखाई देती हैं, जिसको मस्जिद का स्वरूप बनाई गई थीं।
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बीजा मंडल विदिशा