राहुल गांधी ने उठाया व्यापमं मुद्दा, ED में है अभी जिंदा, कोर्ट तय करेगी डॉ. भंडारी, सगर, त्रिवेदी, और महिंद्रा पर आरोप

ED के चालान और ईसीआईआर में प्रमुख आरोपियों में डॉ. जगदीश सगर, डॉ. विनोद भंडारी, डॉ. पंकज त्रिवेदी और नितिन महिंद्रा हैं। इन सभी पर ईडी ने साल 2014 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद इन सभी की करोड़ों मूल्य की संपत्तियां भी ईडी ने अटैच की थीं।

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Sanjay gupta
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने NEET को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया है। साथ ही पेपर लीक सिस्टम का एपीसेंटर मप्र को बताते हुए नीट मामले को व्यापमं घोटाले का ही विस्तृत रूप बताया। फाइलों में दबा मप्र का सबसे चर्चित यह घोटाला अभी जिंदा है। एसटीएफ और सीबीआई के दर्ज केस में तो बड़े लोग छूट गए हैं और उनका कुछ नहीं हुआ, खासकर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संचालक, लेकिन ED इंदौर में यह केस चल रहा है। स्पेशल कोर्ट में इस केस में अब सभी चारों मुख्य आरोपियों पर चार्ज फ्रेम होने की स्थिति बनने लगी है। 

ईडी चालान में यह हैं चार प्रमुख आरोपी

ईडी के चालान और ईसीआईआर में प्रमुख आरोपियों में डॉ. जगदीश सागर, डॉ. विनोद भंडारी, डॉ. पंकज त्रिवेदी और नितिन महिंद्रा है। इन सभी पर ईडी ने साल 2014 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद इन सभी की करोड़ों मूल्य की संपत्तियां भी ईडी ने अटैच की थी। ईडी की जांच में इन सभी के साथ ही तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के साथ ही अन्य कई की भूमिका बयानों में सामने आई थी। 

ईडी कोर्ट में अभी तक क्या हुआ

ईडी कोर्ट यह केस 2018 में आया, इसके बाद इसमें जांच में लंबा समय लगा और फिर कोविड दौर के चलते इस मामले में कुछ नहीं हुआ। तारीख आगे बढ़ती गई। छह साल में अभी तक आरोपियों पर चार्ज भी तय नहीं हुए हैं, लेकिन अब इसमें फिर सुनवाई शुरु हुई है। इस सुनवाई में डॉ. विनोद भंडारी ने एक आवेदन कोर्ट में लगाया है। इसमें ईडी में जब्त कुछ और दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करवाने की मांग की है। इस पर 6 जुलाई को सुनवाई होना है। 

क्या है इन चारों आरोपियों की भूमिका- ईडी के चालान के मुताबिक

जगदीश सगर- यह पीएमटी की तैयारी करने वाले छात्रों से डील करता था और उनकी जगह दूसरे यूपी के छात्रों को लाकर परीक्षा दिलवाता था। साल 2008 से वह इस धंधे में था और जुलाई 2013 में गिरफ्तार हुआ था। वह यह काम प्रिंसीपल एनालिस्ट व्यापमं नितिन महिंद्र की मदद से करता था। इसमें अजय सेन, जो महिंद्रा के सहायक थे मदद करते थे। सेन ने माना था कि उसकी सागर से 298 छात्रों की डील हुई। 

विनोद भंडारी- अरविंदो मेडिकल कॉलेज के प्रमुख। इसके साथ ही भंडारी हॉस्पिटल के प्रदीप रघुवंशी साथ थे। साल 2012 की पीएमटी के लिए

नितिन महिंद्रा से मिले और आठ छात्रों के लिए डील की। इन छात्रों ने परीक्षा में ओएमआर शीट खाली छोडी और बाद में व्यापमं में महिंद्रा ने इसे भरा, आठ में से 7 पास हो गए। भंडारी और रघुवंशी ने इस पूरी डील के लिए 3.42 करोड़ रुपए जमा किए थे। महिंद्रा को दो करोड़ रुपए दिए गए। 

पंकज त्रिवेदी और नितिन महिंद्रा

महिंद्रा की भूमिका ओएमआर शीट भरने से लेकर परीक्षा में नकल कराने के लिए यूपी से आए छात्रों और मूल छात्रों के रोल नंबर आगे-पीछे देने में भी रही थी, उसने रोल नंबर के पेयर्ड बनाए थे। वहीं त्रिवेदी इस मामले में महिंद्रा, सेन इन सबके साथ मिलकर काम करता था और सभी को पूरी छूट थी। इसका एक बडा हिस्सा व्यापमं में डायरेक्टर और कंट्रोलर त्रिवेदी के पास जाता था। इस पूरे घोटाले में वह सभी के साथ लिप्त थे। 

पीएमटी साथ एसआई, शिक्षक सभी भर्ती के सौदे, मंत्री का भी था नाम

  • FIR 539- 7 जुलाई 2013- राजेंद्र नगर थाना इंदौर में इसमें पुलिस ने दो साल्वर पकड़े। पीएमटी 2013 के लिए आए थे। यहीं से इस घोटाले का खुलासा होना शुरु हुआ।
  • FIR 12/13 30 अक्टूबर 2013- एसटीएफ में-डॉ. पंकज त्रिवेदी, नितिन महिंद्रा, अजय सेन, सीके मिश्रा, डॉ. जगदीश सगर, डॉ. संजीव शिल्पकार, विकास सिंह, व अन्य पर पीएमटी 2013 को लेकर केस। 
  • FIR एफआईर 217- 11 अक्टूबर 2013- भोपाल एमपी नगर थाने में। पंकज त्रिवेदी, नितिन महिंद्रा, अजय सेन, सीके मिश्रा। प्री एंड पोस्ट ग्रेज्युट मेजिकल परीक्षा 2013 को लेकर। 
  • FIR 14/13- 20 नवंबर 2013- एसटीएफ में विनोद भंडारी, प्रदीप रघुवंशी पर।  प्री पीजी 2012 को लेकर केस।
  • FIR 15/13, 22 नवंबर 2013- एसटीएफ में- त्रिवेदी, महिंद्रा, अजय सेन, तरंग शर्मा व अन्य पर केस
  • FIR 16/13,  22 नवंबर 2013, एसटीएफ, त्रिवेदी  व अन्य पर केस
  • FIR 17/13,  23 नवंबर- एसटीफ, एसआई, सूबेदार, प्लाटून कमांडर की परीक्षा पास कराने के लिए 21 उम्मीदवारों से सौदा। इसमें त्रिवेदी, महिंद्रा व अन्य पर केसष रिपोर्ट में बताया गया। आरके शिवहरे, सुधीर शर्मा, भरत मिश्रा व अन्य ने 21 लोगों से राशि ली थी। इसमें से 17 पास हुए।
  • FIR 18/1, 3  23 नवंबर एसटीएफ में त्रिवेदी, महिंद्रा व अन्य पर केस। रिपोर्ट में था कि 65 छात्रों से पुलिस कांस्टेबल परीक्षा पास कराने के लिए सुधीर शर्मा, भरत मिश्रा, संजीव सक्सेना, अजय मेहता, आशुतोष ने राशि ली।  
  • FIR 19/13,  7 दिसंबर 2013, एसटीएफ ने त्रिवेदी, महिंद्रा व अन्य परष इसमें था कि संविदा शाला शिक्षका वर्ग 3- 2011 परीक्षा में मंत्री लक्ष्मीकातं शर्मा, ओएसडी ओपी शुक्ला, अकबर खान अमित पांडे व अन्य के कहने पर 77 उम्मदीवारों की ओएमआर शीट में खेल किया। 
  •  FIR 20/13,  7 दिसंबर- एसटीएफ- त्रिवेदी, महिंद्रा व अन्य पर। संविदा शिक्षक वर्ग 2 परीक्षा में मंत्री लक्ष्मीकांत शर्म, ओएसडी ओपी शुक्ला व अन्य के कहन पर पास कराने का सौदा।

sanjay gupta

 

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