लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के पारित होते ही देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। मध्य प्रदेश समेत बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में इसका खासा असर देखा जा रहा है। मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के विरुद्ध करार देते हुए जोरदार विरोध दर्ज कराया है।
मध्य प्रदेश में वक्फ कानून को लेकर विरोध तेज हुआ
मध्य प्रदेश में भी वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी हैं। मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों ने सरकार से इस पर स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की है। विरोधियों का आरोप है कि यह कानून धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला है।
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भोपाल में पर्सनल लॉ बोर्ड करेगा प्रदर्शन
भोपाल में आज एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य आरिफ मसूद नेतृत्व करेंगे। यह विरोध वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कानून वापस लेने की अपील की है। आरिफ मसूद ने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से शामिल होने की अपील की है। प्रदर्शन दोपहर 2 से 4 बजे तक चलेगा।
बिहार विधानसभा में विपक्ष ने किया जोरदार हंगामा
बिहार में विधेयक को लेकर सियासी तनाव बढ़ गया है। विधानसभा में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों ने हंगामा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। विपक्ष का आरोप है कि नीतीश सरकार पहले वक्फ संपत्तियों का उपयोग कर चुकी है, लेकिन अब इस विवादित विधेयक पर मौन साधे हुए है।
पटना में मुस्लिम प्रतिनिधियों ने जताई कड़ी आपत्ति
पटना में आयोजित मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने बिल को धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। उन्होंने विधेयक को मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की है।
पश्चिम बंगाल में हिंसक विरोध
पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद जिले में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। 9 अप्रैल को उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। हालात बिगड़ने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह राज्य में इस कानून को लागू नहीं करेंगी।
मुस्लिम संगठनों ने बुलाई बैठक
राज्य के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम संगठनों ने बैठकें आयोजित कर विधेयक के विरोध में प्रस्ताव पारित किए हैं। उनका कहना है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है।
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