सुधांशु त्रिवेदी ने ऐसा क्या बोल दिया कि दिग्विजय सिंह और अमित शाह के बीच हो गई तीखी बहस

लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी वक्फ (संशोधन) विधेयक पास हो गया है। विधेयक पर बहस के दौरान बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी के एक बयान को लेकर भारी हंगामा मच गया।

author-image
Sourabh Bhatnagar
एडिट
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के बीच एक तीखी और गरमागरम बहस देखने को मिली। यह विवाद तब हुआ जब दिग्विजय सिंह ने 2002 के गुजरात दंगों की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाए। इस पर अमित शाह ने न केवल उनका जवाब दिया, बल्कि दिग्विजय सिंह के पुराने बयानों, विशेष रूप से 26/11 मुंबई हमलों से जुड़े मुद्दे पर भी कड़ा पलटवार किया, जिससे दिग्विजय सिंह भड़क गए। 

क्या हुआ था सदन में

वक्‍फ बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 26/11 आरएसएस ने कराया,  ऐसा कहने वाले सदन में बैठे हुए हैं और साथ ही यह भी कहा कि हाफिज सईद और जाकिर नाइक को शांति का मसीहा कहने वाले लोग भी सदन में बैठे हैं।

उनका यह बयान दिग्विजय सिंह को खटक गया, और उन्होंने इसे अपमानजनक और आपत्तिजनक बताया। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने खड़े होकर स्पष्ट किया कि सुधांशु त्रिवेदी ने किसी का नाम नहीं लिया था, और यदि दिग्विजय सिंह खुद को इससे जोड़ते हैं, तो यह उनकी मर्जी है।

शाह ने दिग्विजय सिंह से यह भी कहा कि अगर उन्होंने 26/11 के हमलों में आरएसएस का नाम लिया है, तो उन्हें सदन में इसे स्पष्ट करना चाहिए।

क्या बोले दिग्विजय

दिग्विजय सिंह ने इस पर कहा कि उन्होंने कभी भी ऐसा बयान नहीं दिया कि 26/11 के हमलों में आरएसएस का हाथ था, और बीजेपी के लोग बिना कारण शोर मचाते रहते हैं। इसके बाद अमित शाह ने टिप्पणी की, "दिग्गी ने कभी ऐसा नहीं कहा, लेकिन उनकी हरकतें और बयान हमेशा विवादों को जन्म देती हैं।"

इसके बाद दिग्विजय सिंह और भी भड़क गए और उन्होंने अमित शाह को घेरने की कोशिश की। दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं यह सब नहीं कहना चाहता, लेकिन क्या सदन को यह नहीं जानना चाहिए कि गुजरात दंगों के लिए कौन जिम्मेदार था? इस मुद्दे पर लंबे समय से स्पष्टता की आवश्यकता है। गृहमंत्री जी, जब आप गुजरात के गृह मंत्री थे, तो दंगे हुए थे, उस समय आप लोग कहां थे? यह सभी को पता है।" उनके इस बयान पर बीजेपी के सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और उनकी बातों का विरोध किया।

अमित शाह का करारा जवाब

इस पर गृह मंत्री अमित शाह खड़े हुए और कहा, "इनको लगता है कि मैं ही उनका हौव्वा हूं, जब गुजरात दंगे हुए थे, तब मैं गृह मंत्री नहीं था। मैं दंगों के 18 महीने बाद गुजरात का गृह राज्य मंत्री बना।" शाह ने यह भी कहा कि दिग्विजय सिंह तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।

आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं था जब दिग्विजय सिंह और अमित शाह के बीच टकराव हुआ हो। दिग्विजय सिंह लंबे समय से भाजपा और आरएसएस के खिलाफ मुखर रहे हैं।

उन्होंने 2010 में एक किताब "26/11: RSS की साजिश?" के विमोचन में हिस्सा लिया था, जिसमें मुंबई हमलों को आरएसएस से जोड़ने का दावा किया गया था। इस किताब के विमोचन के समय भी विवाद हुआ था, लेकिन अब यह मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है।

क्या था किताब में

26 नवंबर 2008 को मुंबई और पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले सीरियल बम धमाकों को कौन भूल सकता है। इस हमले को आज "26/11 हमले" के नाम से जाना जाता है, जिसे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। बाद में आतंकवादी अजमल कसाब को इस मामले में फांसी भी दी गई थी। 

इस घटना के बाद कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले पत्रकार अजीज बर्नी ने एक किताब लिखी थी, जिसका नाम था ‘26/11 RSS की साजिश’। इस किताब का अंग्रेजी नाम "26/11: Biggest attack in India’s history" था। दावा है कि इस किताब में बर्नी ने इस हमले को पाकिस्तान से जोड़ने की बजाय RSS पर आरोप लगाए थे। यह दावा किया गया था कि इस हमले में आईएसआई या लश्कर-ए-तैयबा का हाथ नहीं था, बल्कि इसमें आरएसएस के लोग शामिल थे, जिन्हें मोसाद और सीआईए का समर्थन प्राप्त था। हालांकि, उस वक्त यह पूरी तरह से स्पष्ट था कि 26/11 का हमला पाकिस्तान के आतंकवादियों का काम था।

कैसे जुड़ गया दिग्विजय सिंह का नाम

उस समय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस किताब के विमोचन समारोह में भाग लिया था। उन्होंने यह समारोह एक बार नहीं, बल्कि दो बार अटेंड किया। इसके बाद दिग्विजय सिंह की देशभर में तीखी आलोचना हुई। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिग्विजय सिंह ने किताब के विमोचन के दौरान एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने उस समय महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर दावा किया था।  दिग्विजय ने कहा था कि वीरगति को प्राप्त होने से सिर्फ दो घंटे पहले, करकरे ने उन्हें फोन पर एक जानकारी दी थी। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि करकरे उन्हें यह बता रहे थे कि वह मालेगांव विस्फोट मामले की जांच कर रहे थे, जिसके चलते उन्हें हिंदूवादी संगठनों से धमकियां मिल रही थीं। दावा है कि इस बयान में दिग्विजय सिंह ने मुंबई हमलों को पाकिस्तान से जोड़ने की बजाय सीधे तौर पर हिंदू संगठनों और आरएसएस पर आरोप लगाया। इस तरह उन्होंने पूरी घटना का आरोप हिंदूवादी संगठनों पर मढ़ दिया, जो बाद में एक बड़ा विवाद बन गया।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

राज्यसभा वक्फ संशोधन विधेयक वक्फ संशोधन बिल अमित शाह सुधांशु त्रिवेदी दिग्विजय सिंह 26/11 मुंबई हमला 26/11 Mumbai attack 26/11 Attack RSS CONGRESS BJP अमित शाह Vs दिग्विजय सिंह दिग्विजय