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मध्‍य प्रदेश

लेखानुदान, अंतरिम बजट और आर्थिक सर्वेक्षण क्या है, जानें विस्तार से

आजकल लेखानुदान और अंतरिम बजट जैसे शब्दों की खूब चर्चा है। कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार वित्तीय वर्ष 2024- 25 का अंतरिम बजट पेश किया है। अब मध्यप्रदेश में लेखानुदान पेश किया जा रहा है। यहां लेखानुदान, अंतरिम बजट और आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में बात रहे हैं।

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BP shrivastava
12 Feb 2024 11:44 IST

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Budget

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा।

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BHOPAL. आजकल लेखानुदान और अंतरिम बजट जैसे शब्दों की खूब चर्चा है। कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार ( केंद्र सरकार ) ने वित्तीय वर्ष 2024- 25 का अंतरिम बजट पेश किया है। अब मध्यप्रदेश में लेखानुदान पेश किया जा रहा है। यहां हम लेखानुदान, अंतरिम बजट और आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में बात रहे हैं।

लेखानुदान क्या होता है

लेखानुदान, जिसे वोट ऑन अकाउंट (vote on account) भी कहा जाता है। यह एक अस्थायी वित्तीय व्यवस्था है जो सरकार को वित्तीय वर्ष के पहले कुछ महीनों के लिए धन प्राप्त करने की अनुमति देती है। यह तब उपयोग किया जाता है जब पूर्ण बजट संसद एवं विधानसभा द्वारा पारित नहीं किया गया होता है।

लेखानुदान की मुख्य विशेषताएं

  • यह संसद एवं विधानसभा द्वारा पारित एक विधेयक के माध्यम से प्रदान किया जाता है।
  • यह आमतौर पर वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों के लिए धन प्रदान करता है।
  • यह केवल सरकार के गैर-योजना व्यय को कवर करता है, जैसे कि वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान।
  • यह योजना व्यय, नई परियोजनाओं या नीतियों के लिए धन प्रदान नहीं करता है।

लेखानुदान की जरूरत क्यों होती है ?

जब चुनाव होते हैं, तो नई सरकार के पास पूर्ण बजट तैयार करने का समय नहीं होता है।
जब सरकार बदलती है, तो नई सरकार पुरानी सरकार की नीतियों को बदलना चाह सकती है।
जब कोई आपातकालीन स्थिति होती है, तो सरकार को तुरंत धन की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में सरकार के खर्चों और कमाई की व्यवस्था इसी लेखानुदान बताई जाती है। 

लेखानुदान की प्रक्रिया

सरकार वित्त मंत्री के माध्यम से संसद एवं विधानसभा में लेखानुदान के लिए अनुरोध करती है।
संसद या विधानसभा अनुरोध पर विचार करती है और इसे मंजूरी देती है या अस्वीकार कर देती है।
यदि अनुरोध मंजूर किया जाता है, तो सरकार वित्तीय वर्ष के पहले कुछ महीनों के लिए धन प्राप्त कर सकती है।

लेखानुदान के लाभ

यह सरकार को वित्तीय वर्ष के पहले कुछ महीनों के लिए अपनी गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति देता है।
यह संसद एवं विधानसभा को पूर्ण बजट पर विचार करने के लिए पर्याप्त समय देता है।
यह सरकार को नीतिगत बदलावों के लिए तैयार होने का समय देता है।

लेखानुदान की सीमाएं

  • यह केवल एक अस्थायी व्यवस्था है।
  • यह केवल गैर-योजना व्यय को कवर करता है।
  • यह योजना व्यय, नई परियोजनाओं या नीतियों के लिए धन प्रदान नहीं करता है।

उदाहरण के तौर- 2024 में, भारत में आम चुनाव हैं। नई सरकार के पास पूर्ण बजट तैयार करने का समय नहीं था। इसलिए, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों के लिए धन प्राप्त करने के लिए लेखानुदान के लिए अनुरोध किया। संसद ने अनुरोध को मंजूरी दी और सरकार को आवश्यक धन प्राप्त हुआ। 
अंत में, लेखानुदान एक महत्वपूर्ण वित्तीय व्यवस्था है जो सरकार को वित्तीय वर्ष के पहले कुछ महीनों के लिए धन प्राप्त करने की अनुमति देती है।


आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है

आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) भारत सरकार द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक दस्तावेज है जो पिछले वित्तीय वर्ष (Financial Year) की अर्थव्यवस्था की समीक्षा और अगले वित्तीय वर्ष के लिए आर्थिक दृष्टिकोण (Economic Outlook) का विश्लेषण करता है। ...

आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs) द्वारा मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) की देखरेख में आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया जाता है।

आर्थिक सर्वेक्षण के मुख्य उद्देश्य

  • पिछले वित्तीय वर्ष की अर्थव्यवस्था का विश्लेषण करना
  • विभिन्न क्षेत्रों (Sectors) में हुई प्रगति का आकलन करना
  • आर्थिक विकास (Economic Growth) के लिए प्रमुख चुनौतियों (Challenges) की पहचान करना
  • अगले वित्तीय वर्ष के लिए आर्थिक नीति (Economic Policy) के लिए सिफारिशें (Recommendations) करना

आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य विशेषताएं

यह आमतौर पर बजट (Budget) से एक दिन पहले जारी किया जाता है।

इसे दो भागों में विभाजित किया जाता है

  • भाग 1: पिछले वित्तीय वर्ष की अर्थव्यवस्था की समीक्षा
  • भाग 2: अगले वित्तीय वर्ष के लिए आर्थिक दृष्टिकोण
  • यह विभिन्न आर्थिक संकेतकों (Economic Indicators) जैसे कि सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product), मुद्रास्फीति (Inflation), बेरोजगारी (Unemployment), आदि का विश्लेषण करता है। 
  • यह विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कृषि (Agriculture), उद्योग (Industry), सेवा क्षेत्र (Services Sector), आदि की प्रगति का आकलन करता है।
  • यह आर्थिक विकास के लिए प्रमुख चुनौतियों जैसे कि गरीबी (Poverty), असमानता (Inequality), जलवायु परिवर्तन (Climate Change), आदि की पहचान करता है।
  • यह अगले वित्तीय वर्ष के लिए आर्थिक नीति के लिए सिफारिशें करता है।

आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व

  • यह सरकार को नीति निर्माताओं (Policymakers) को आर्थिक नीति तैयार करने में मदद करता है।
  • यह निवेशकों (Investors) और व्यवसायों (Businesses) को अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
  • यह आम जनता को अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जागरूक करता है।
  • उदाहरण के लिए- 2023 में, भारत सरकार ने 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 जारी किया। इस सर्वेक्षण में, सरकार ने 2022-23 में अर्थव्यवस्था की 7.2% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया था कि मुद्रास्फीति 2023-24 में 4.5% रहने की उम्मीद है।
    अंत में, आर्थिक सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन करने और आर्थिक नीति तैयार करने में मदद करता है।

लेखानुदान और अंतरिम बजट में अंतर

लेखानुदान

  • यह सरकार को वित्तीय वर्ष के पहले कुछ महीनों के लिए धन प्राप्त करने की अनुमति देता है।
  • यह तब उपयोग किया जाता है जब पूर्ण बजट अभी तक संसद द्वारा पारित नहीं किया गया होता है।
  • यह केवल सरकार के गैर-योजना व्यय (Non-Plan Expenditure) को कवर करता है, जैसे कि वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान।
  • यह योजना व्यय (Plan Expenditure), नई परियोजनाओं या नीतियों के लिए धन प्रदान नहीं करता है।

अंतरिम बजट

  • यह एक पूर्ण बजट (Full Budget) का एक छोटा संस्करण है जो सरकार द्वारा चुनाव के बाद या सरकार बदलने के बाद पेश किया जाता है।
  • इसमें सरकार के राजस्व (Revenue) और व्यय (Expenditure) दोनों का अनुमान शामिल होता है। यह योजना व्यय, नई परियोजनाओं और नीतियों के लिए धन प्रदान कर सकता है।
  • यह आमतौर पर अगले पूर्ण बजट तक के लिए लागू होता है।
लेखानुदान बजट
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