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सत्ता के शीर्ष अफसरों और नेताओं से तार जोड़कर जो काम हो सकता है, वह तो अच्छे-अच्छे भी नहीं करवा सकते। आयकर विभाग के लपेटे में आए त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के सर्वेसर्वा राजेश शर्मा ने जो कर दिखाया, उसके लिए तो अमिताभ बच्चन को भी अनुमति नहीं मिल पाई थी। thesootr आज आपको बताएगा कि किस तरह राजेश शर्मा ने अपने रसूख का उपयोग करके लो डेंसिटी और कैचमेंट एरिया में सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट को खड़ा करवा दिया।
पड़ोसी हैं कुणाल अग्रवाल और अमिताभ बच्चन
साल 2022 में प्रकाशित इस पब्लिक नोटिस को देखिए। जिसमें कहा गया है कि भोपाल के सेवनिया गोंड क्षेत्र में खसरा नंबर 46 पर अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन के नाम से करीब 2.024 हेक्टेयर जमीन है। अब इस फेक्ट को ध्यान रखें कि खसरा नंबर 46 के आसपास ही खसरा नंबर 43, 44, 45 और 47 में कुणाल बिल्डर ने सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट को खड़ा किया है। जिसमें राजेश शर्मा के 20 प्लाट हैं और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की जमीन होना भी बताया जा रहा है। इधर अपनी जमीन पर निर्माण के लिए अमिताभ बच्चन ने जब जिला नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से अनुमति मांगी थी तो उन्हें लो डेंसिटी और कैचमेंट एरिया के नियम- कानूनों का हवाला देकर मना कर दिया गया था। जबकि इसी जमीन के आसपास एलीट क्लास के लिए सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट धड़ल्ले से खड़ा हो गया। कल thesootr ने उजागर किया था कि किस प्रकार गलत जानकारी देकर राजेश शर्मा की दम पर कुणाल अग्रवाल ने इस प्रोजेक्ट की अनुमतियां लीं। हालांकि मई 2024 में जिला नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय ने इस पर नोटिस भी जारी कर दिया है, मगर फिर भी बिगड़ा किसी का कुछ भी नहीं।
क्या था अमिताभ बच्चन की जमीन का विवाद
बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की पत्नी और राज्यसभा सांसद जया बच्चन (Jaya Bachchan) को लेकर 2022 में भोपाल में एक विवाद सामने आया था। जया बच्चन, जो भोपाल की रहने वाली हैं, का पुश्तैनी घर यहां स्थित है। उनके मायके के एक शख्स ने बच्चन परिवार पर जमीन के सौदे के लिए एडवांस लेकर सौदा पूरा न करने का आरोप लगाया था। इस मामले को लेकर अखबारों में आम सूचना जारी की गई थी, जिसमें कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी गई थी।
सूचना के अनुसार, जया बच्चन के नाम पर भोपाल के सेवनिया गोंड क्षेत्र में 2.024 हेक्टेयर जमीन थी। आरोप था कि उन्होंने पांच एकड़ जमीन बेचने का एग्रीमेंट किया था और इसके लिए 20 प्रतिशत एडवांस भी लिया था। यह सौदा 2022 में ही 19 मार्च को तय हुआ था। खरीदार ने एडवांस राशि चेक के जरिए भुगतान की थी, और शेष राशि तीन महीने के भीतर देने का करार हुआ था। लेकिन आरोप लगाया गया था कि बाद में बच्चन परिवार इस सौदे से मुकर गया और एग्रीमेंट रद्द करने की कोशिश कर रहा था।
खरीदार के वकील, इनोश जार्ज कारलो, ने अखबार में जारी सूचना में लोगों को चेतावनी दी थी कि इस जमीन का कोई अन्य सौदा न करें। सूचना में यह भी कहा गया था कि खरीदार सौदे के अनुसार शेष राशि का भुगतान करने और जमीन खरीदने को तैयार था। यदि बच्चन परिवार सौदे को रद्द करता, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला उस समय चर्चा का विषय बन गया था।
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