दैनिक भास्कर ने पंजाब ज्वेलर्स पर छापे की खबर क्यों नहीं छापी ?

सच्ची बात बेधड़क के बड़े- बड़े लोगो लगाकर अपनी ब्रांडिंग करने वाले इस अखबार की वर्किंग स्टाइल कभी आक्रामक हुआ करती थी, लेकिन अब अखबार खबरों से भी समझौता करने लगा है। इंदौर में पंजाब ज्वेलर्स के मामले में यही हुआ है। 

author-image
Pratibha ranaa
एडिट
New Update
Dainik Bhaskar
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

INDORE. इंकलाब से इश्तिहार तक के सफर ने मीडिया को भी कठघरे में ला खड़ा किया है। अब यही मामला देख लीजिए। अपने आप को देश का नंबर वन अखबार बताने वाले दैनिक भास्कर  ( Dainik Bhaskar ) ने पंजाब ज्वेलर्स पर छापे की खबर नहीं छापी। वजह क्या है, ये तो राम जानें...फिलहाल तो चर्चा इसी बात की है कि मूल्य आधारित पत्रकारिता की बात करने वाले अखबार ने अपने क्लाइंट को मानो बचा लिया। वहीं 'द सूत्र' ने छापे की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। पंजाब ज्वेलर्स की कारगुजारी उजागर की। ( Punjab Jewellers raid )

'सच्ची बात बेधड़क' के बड़े बड़े लोगो लगाकर अपनी ब्रांडिंग करने वाले इस अखबार की वर्किंग स्टाइल कभी आक्रामक हुआ करती थी, लेकिन अब अखबार खबरों से भी समझौता करने लगा है। इंदौर में पंजाब ज्वेलर्स के मामले में यही हुआ है। इस सराफा फर्म ने पिछले ही दिनों भास्कर को विज्ञापन दिया था। अब जाहिर सी बात है कि अखबार को अपने क्लाइंट का ध्यान तो रखना ही था। लिहाजा, छापे की खबर नहीं छपी।

क्या है मामला

इंदौर के एमजी रोड स्थित पंजाब ज्वेलर्स पर नापतौल विभाग ने शनिवार शाम को छापा मारा था। यहां जांच के बाद अधिकारियों ने फर्म पर अमानक और असत्यापित वजन मशीन का उपयोग करने पर केस दर्ज किया था। छापे में पंजाब ज्वेलर्स पर बांट भी असत्यापित मिले थे। यानी ज्वलेरी तौलने में पंजाब ज्वेलर्स ठगी कर रहा था। (  Punjab Jewellers indore )

वजन अलग अलग आया

पंजाब ज्वेलर्स के डायरेक्टर दर्पण आनंद हैं। इस मामले में ग्राहक अंशुमन जाट ने बताया कि उन्होंने पंजाब ज्वेलर्स से रिंग खरीदी थी। इसके बिल पर वजन 7.260 ग्राम था। वे जब बेचने गए तो फर्म पर मौजूद स्टाफ ने ज्यादा नग का वजन तो बताया ही, वहीं कांटे पर इस रिंग का वजन 7.240 ग्राम आया और वहीं पर्ची पर लिखकर दिया कि वजन 7.190 ग्राम है। इस तरह सोने का वजन कम कर दिया गया। 

10 मई को छपा था विज्ञापन

अब फिर लौटते हैं कि छापे की खबर अखबार में क्यों नहीं छपी। क्या है कि 10 मई को अक्षय तृतीया पर दैनिक भास्कर में पंजाब ज्वेलर्स का भारी भरकम विज्ञापन छपा था। ऐसे में अखबार छापे की खबर कैसे छापता। इंदौर में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इश्तिहार के चक्कर में भास्कर अपनी मूल पत्रकारिता पीछे छोड़ता जा रहा है। बस बताने भर के लिए अखबार में सच्ची बात बेधड़क के लोगो छपते हैं। शहरों में होर्डिंग टांगे जाते हैं। पाठकों को केंद्र में रखने की बातें की जाती हैं और यहां अपने क्लाइंट पर पड़े छापे की खबर को नहीं छापा जाता।

लीडिंग हिंदी अखबारों ने खबर से किया किनारा

पंजाब ज्वेलर्स पर छापे की खबर इंदौर के बाकी हिंदी दैनिकों में भी नजर नहीं आई। पत्रिका जैसे अखबारों ने खबर से किनारा कर लिया। तमाम वेब पोर्टल ने भी खबर को जगह नहीं दी। इसके उलट द सूत्र ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। पीड़ित ग्राहक की बात अपने पाठकों के सामने रखी। पंजाब ज्वेलर्स की हकीकत जनता को बताई।

thesootr links

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

नईदुनिया पत्रिका Punjab Jewellers indore इंदौर के पंजाब ज्वेलर्स पर छापा Dainik Bhaskar Punjab Jewellers raid