Why do Dogs Run behind Vehicles : अक्सर आपने देखा होगा कि गाड़ियों के पीछे कुत्ते दौड़ रहे होते हैं और जोर- जोर से भौंकते हैं। वाहन चाहे दो पहिया हो या चार पहिया या फिर स्कूटी हो। हालांकि कुत्ते हर गाड़ी के पीछे भी नहीं भागते पर कुछ गाड़ियों को दूर से देखते ही वे जोर-जोर से भौंकने लगते हैं। कई बार इसकी वजह से दुर्घटना हो जाती है। क्योंकि लोग तेजी से भागने की कोशिश करते हैं और अपना बैलेंस खो देते हैं। आखिर कुत्ते ऐसा क्यों करते हैं...? इस आर्टिकल में पढ़िए इसके पीछे की साइंस क्या है और अब तक बड़े महानगरों में कुत्तों की वजह से कितने हादसे हुए।
पहले समझिए कुत्ते गाड़ियों के पीछे भागते क्यों हैं
कुत्तों को इंसानों के प्रति अपनी वफादारी और मित्रता के लिए जाना जाता है, लेकिन कभी- कभी वे हमलावर भी हो सकते हैं। इसके अलावा कई बार वें सड़कों पर दौड़ती गाड़ियों के पीछे ऐसे भागते हैं, जैसे वे दुश्मन हों। इस संबंध में विज्ञान कहता है कि कुत्तों के आक्रामक व्यवहार के पीछे मुख्यत: दो से तीन कारण हो सकते हैं। जो इस प्रकार है
गाड़ी का ड्राईवर नहीं...टायर
इस व्यवहार के पीछे मुख्य कारण गाड़ियों के टायर हैं। कुत्तों में सूंघने की शक्ति काफी तेज होती है इसलिए उनको पुलिस और आर्मी में बॉम्ब स्कॉड में भर्ती किया जाता है। कुत्तों की गंध की असाधारण भावना होने की वजह से वे टायरों पर दूसरे कुत्तों की गंध को तुरंत पहचान लेते हैं। इसी वजह से आक्रामक रिएक्शन देते हैं।
दरअसल, कुत्ते अक्सर अपनी गंध से अपने क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए टायरों या खंभों पर पेशाब करते हैं। जब आपका वाहन अलग-अलग जगहों से गुजरता है, तो ये गंध उसके टायरों पर आती है। स्थानीय कुत्ते इन दूसरी गंधों को सूंघते हैं। इससे उनको लगता है कि दूसरे कुत्ते उनके क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे हैं। इसके बाद वे गाड़ी पर हमलावर हो जाते हैं और अपने दूसरे साथियों को भी इसका संकेत देते हैं।
क्या करें
ऐसी सिचुएसन में आप जितनी तेजी से गाड़ी को भागने की कोशिश करेंगे, वे उतने ही आक्रामक हो जाएंगे। इससे बाइक या स्कूटर पर आपका संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे संभावित दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
कुत्तों द्वारा वाहनों का पीछा करने का एक और कारण ये भी हो सकता है कि अगर उनका कोई साथी अतीत में इसी तरह के वाहन से घायल हुआ हो या मारा गया हो। वे उस तरह के वाहन को खतरे से जोड़ते हैं और खुद को और अपने झुंड को बचाने के लिए आक्रामक तरीके से रिएक्शन देते हैं।
कलर ब्लाइंडनेस
जानकारों ने बताया कि कुत्तों को लाल या नीला रंग दिखाई नहीं देता। इसका मतलब यह नहीं है कि इस रंग की वस्तु उनकी आंखों के सामने बनने वाले चित्र से गायब हो जाती है, बल्कि कलर ब्लाइंडनेस के कारण उन्हें नीला या फिर लाल रंग देखने में तकलीफ होती है। इसलिए कई बार कुत्ते बेवजह भौंकने लगते हैं।
सलाह
विशेषज्ञ ऐसी स्थितियों में घबराने की सलाह नहीं देते हैं। घबराने और तेज चलने से स्थिति और खराब हो सकती है क्योंकि इससे कुत्ते और भी ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं। इसके बजाय, एक स्थिर गति बनाए रखने की कोशिश करें और अचानक हरकत करने से बचें।
भोपाल में कुत्तों की वजह से हुई दर्दनाक घटनाएं
भोपाल में कुत्तों की संख्या डेढ़ लाख है। औसत हर दिन 105 लोगों को कुत्ते शिकार बना रहे हैं। भोपाल में आवारा कुत्तों के काटने से पिछले पांच साल में 5 मासूमों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि भोपाल में कुत्तों के झुंड ने 7 महीने के बच्चे को पार्क से घसीटकर ले गए और उसका एक पूरा हाथ खा लिया था। यह घटना भोपाल के मिनाल रेसीडेंसी में दर्दनाक घटना घटित हुई थी।
इस घटना के कुछ दिन बाद भोपाल में कुत्ते के काटने के 15 दिन बाद 4 साल के बच्चे की मौत हो गई थी। कुत्ते के काटने के बाद बच्चा अजीब हरकतें करने लगा था। बेहोश हो जाने पर अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
जानें बड़े शहरों में रोज कितने लोगों को काट रहे कुत्ते
शहर |
केस |
इंदौर | 140 |
भोपाल | 120 |
जबलपुर | 105 |
ग्वालियर | 95 |
उज्जैन | 75 |
खंडवा | 50 |
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