मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के मझौली थाना क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें नाबालिग की 1 साल पहले शादी की गई थी और उसके गर्भवती होने के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि लगभग 14 साल की उम्र में किशोरी की शादी की गई थी। मझौली थाना अंतर्गत पड़वार गांव में रहने वाले भूमिया परिवार में कटनी निवासी एक किशोरी की लगभग एक साल पहले शादी की गई थी।
14 साल की उम्र में हुई शादी
शादी के लगभग 1 साल के बाद किशोरी गर्भवती हुई। शासन की योजनाओं के तहत बकायदा किशोरी का रजिस्ट्रेशन भी कराया गया पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को परिवारजनों के द्वारा यह बताया गया कि युवती की उम्र 18 साल से अधिक है। लेकिन प्रसव पीड़ा के बाद जब किशोरी जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची तो वहाँ डॉक्टरों ने जांच के दौरान यह पाया कि युवती की उम्र 15 साल 9 महीने के आसपास है। इस तरह इस बात का भी खुलासा हुआ कि किशोरी की जब शादी की गई थी तब उसकी उम्र 14 साल के आसपास थी। नाबालिग किशोरी का विवाह के मामले में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम सहित पॉक्सो की धाराओं के तहत भी प्रकरण दर्ज किया गया है।
पहला मामला जब पति पर ही लगा पॉक्सो एक्ट
यह मामला संभवत जबलपुर में नहीं मध्यप्रदेश और देश का भी पहला मामला है जब नाबालिग पत्नी से संबंध बनाने के मामले में पति सहित कुल 4 आरोपियों के उपर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई हो। इस मामले में आरोपी पति को 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती।
मझोली स्वास्थ्य केंद्र न जाकर सीधा जबलपुर पहुंची थी गर्भवती किशोरी
इस मामले में मझौली के चीफ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर दीपक गायकवाड़ ने बताया की गर्भावस्था के दौरान किशोरी की स्वास्थ्य जांच भी की गई थी, लेकिन परिजनों एवं किशोरी के द्वारा उसकी उम्र 18 साल से अधिक बताई गई थी। गर्भावस्था के दौरान जांच करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी यह अंदाजा नहीं था कि इस किशोरी की उम्र 18 साल से कम है। हालांकि गर्भवती रेजिस्ट्रेशन के दौरान गर्भवती का आधारकार्ड भी लिया गया था जिसमे उसकी उम्र 17 साल कुछ महीने थी पर किशोरी ने बताया था कि उसके आधारकार्ड में उसकी जन्मतिथि गलत है। जिसे सुधार कर दोबारा जमा किया जाएगा। वहीं प्रसव पीड़ा होने पर किशोरी को मझौली स्वास्थ्य केंद्र ना भेजकर परिजनों के द्वारा सीधा मेडिकल अस्पताल ले जाया गया था जहाँ पर इस किशोरी की उम्र का खुलासा जांच के दौरान हुआ।
हालांकि ऐसे मामलों में पूरे परिवार की सहमति होती है। इसलिए अदालत में किशोरी सहित परिजनों के बयान भी आरोपी पति के समर्थन में जाने की संभावना है ऐसे में पति शायद अदालत में पॉक्सो एक्ट की कार्यवाही से बच निकले पर कुछ दिन तो जेल की हवा खानी ही पड़ेगी।
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