विज्डम वैली स्कूल के मालिक ब्रजेश मित्तल और प्रबंधन पर बाल अपराध के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पैरेंट्स एसोसिएशन के नेतृत्व में सैकड़ों अभिभावकों ने बुधवार को स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन फीस विवाद को लेकर बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहा है। बच्चों को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया गया और उन्हें शिक्षा से वंचित किया गया। इस घटना ने अभिभावकों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
बच्चों को कमरे में बंद करने की मिली थी शिकायत
पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने बताया कि फीस के मुद्दे को लेकर स्कूल प्रबंधन द्वारा लंबे समय से अभिभावकों और बच्चों पर दबाव बनाया जा रहा है। बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जो कि साफ तौर पर बाल अपराध की श्रेणी में आता है। अभिभावकों ने पहले भी इस मामले की शिकायत संबंधित थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। स्थिति तब बिगड़ी जब दो दिनों तक स्कूल में करीब 150 बच्चों को अलग-अलग कमरों में बंद रखने और शिक्षा से वंचित करने की खबरें आईं। इस अमानवीय कृत्य ने अभिभावकों को मजबूर कर दिया कि वे स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतरें। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्कूल मालिक ब्रजेश मित्तल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए, ताकि बच्चों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार फिर से न हो।
स्कूल के बाहर किया गया प्रदर्शन
स्कूल के बाहर प्रदर्शन के दौरान माहौल काफी गरम हो गया। स्कूल के बाहर जुटे अभिभावकों और पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग की। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तिलवारा थाने के टीआई बृजेश मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से अपील की
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों और स्कूल प्रबंधन के बीच बातचीत कर माहौल को शांत करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से अपील की कि बच्चों के साथ हो रहे इस दुर्व्यवहार को तुरंत रोका जाए। पुलिस ने इस संबंध में जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, लेकिन अभिभावकों ने इसे पर्याप्त नहीं माना। उनका कहना है कि जब तक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
स्कूल प्रबंधन की प्रतिक्रिया से आक्रोशित हुए अभिभावक
प्रदर्शन के दौरान स्कूल मालिक ब्रजेश मित्तल मौके से गायब रहे। उनकी अनुपस्थिति ने प्रदर्शनकारियों के गुस्से को और बढ़ा दिया। करीब चार घंटे बाद स्कूल की प्रिंसिपल मौके पर पहुंचीं, लेकिन उन्होंने भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि अभिभावक अपनी शिकायतें लिखित रूप में दें, और इसके बाद वह तुरंत वहां से चली गईं। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन बच्चों के भविष्य को नजरअंदाज कर रहा है। फीस विवाद को सुलझाने के बजाय, स्कूल प्रबंधन लगातार बच्चों और उनके परिवारों पर दबाव बना रहा है। प्रिंसिपल की प्रतिक्रिया से प्रदर्शनकारियों को निराशा हुई और वे इसे प्रशासन की गैरजिम्मेदारी मानते हैं।
स्कूल प्रबंधन पर प्रताड़ना का आरोप
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि विज्डम वैली स्कूल कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना कर रहा है। फीस को लेकर विवाद पहले से कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन हाईकोर्ट के सहारे अभिभावकों और बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।
क्या बोले पैरेंट्स एसोसिएशन
पैरेंट्स एसोसिएशन ने कहा कि यह केवल एक स्कूल का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़े करता है। जब स्कूल माफिया इस तरह बच्चों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं, तो अभिभावकों के पास विरोध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।संगठन के वरिष्ठ सदस्य विकास पॉल, अमित पलिया, मनीष शर्मा और स्कूल समिति के अध्यक्ष अरविंद जैन के साथ बड़ी संख्या में अभिभावक और उनके बच्चे मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ विज्डम वैली स्कूल तक सीमित नहीं रहेगा। यदि प्रशासन ने इस मामले में तुरंत कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन जिले स्तर पर फैल सकता है।
स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बाल अपराध के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि बच्चों को शिक्षा से वंचित करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त सजा दी जाए।
स्कूल प्रबंधन का पक्ष नहीं आया सामने
इसके अलावा, पैरेंट्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग और प्रशासन से अपील की है कि स्कूलों में फीस संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं, ताकि बच्चों और अभिभावकों को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े। वहीं इस मामले में स्कूल प्रबंधन का पक्ष अब तक सामने नहीं आया है।
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