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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिलाओं के लिए एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है। अब महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भटकने की जरूरत नहीं होगी। भोपाल के कैलाशनाथ काटजू अस्पताल में प्रिवेंटिव गायनेकोलॉजी और इनफर्टिलिटी सेंटर खोला जा रहा है। इस केंद्र में महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का इलाज एक ही जगह पर किया जाएगा। इसमें बांझपन (इनफर्टिलिटी), पीसीओएस ( पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), फाइब्रॉइड, हार्मोनल दिक्कतें और कैंसर की जांच और इलाज होगा।
इनफर्टिलिटी, पीसीओएस और कैंसर का इलाज एक छत के नीचे
इस नए सेंटर में गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं से लेकर स्त्री रोगों और कैंसर तक का इलाज किया जाएगा। अब तक महिलाओं को इन समस्याओं का इलाज करने के लिए अलग-अलग अस्पतालों में जाना पड़ता था। इस सेंटर में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जैसे कि आईवीएफ, आईयूआई, और अन्य इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स। यह इनफर्टिलिटी से जूझ रही महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत होगी।
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सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ नई तकनीक का उपयोग
इस सेंटर में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए वीआईए तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. रचना दुबे ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता चल सकता है। यह तकनीक सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ प्रभावी कदम साबित हो सकती है।
राजेंद्र शुक्ला की प्रतिबद्धता
इस पहल के बारे में डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। वे अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। इस पहल के जरिए सरकार महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और बेहतर इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला दिवस पर स्वास्थ्य जागरूकता का कार्यक्रम
8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘वॉक फॉर हेल्थ’ वॉकथॉन का आयोजन किया जाएगा। यह वॉकथॉन अटल पथ (Smart City, Platinum Plaza) से शुरू होगा। इस वॉकथॉन का मुख्य उद्देश्य महिला स्वास्थ्य और कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है।
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पीसीओएस और कैंसर पर राष्ट्रीय कार्यशाला
9 मार्च को पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) पर पहली बार राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी। यह कार्यशाला मिंटो हॉल में होगी। इसमें देशभर के स्त्री रोग विशेषज्ञ, डायबिटीज विशेषज्ञ, और त्वचा रोग विशेषज्ञ इस समस्या पर चर्चा करेंगे।
महिलाओं को कैंसर और पीसीओडी का खतरा
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। भोपाल इस मामले में 15वें स्थान पर है। वहीं, ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम है, और भोपाल इस मामले में 8वें स्थान पर है। इसके अलावा, 30-50% महिलाएं जीवनकाल में कभी न कभी फाइब्रॉइड (गर्भाशय में गांठ) से प्रभावित होती हैं, खासकर 40 वर्ष के बाद। पीसीओडी (PCOS) से 10-27% महिलाएं प्रभावित हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन और अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है।
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