World Tribal Day 2024 : आदिवासी दिवस या विश्व आदिवासी दिवस हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य देश भर में आदिवासी समुदायों के अधिकारों, उनकी संस्कृति, भाषा, और परंपराओं को पहचान देना और उनके संरक्षण की दिशा में जागरुकता फैलाना है। आइए जानते हैं इसका इतहास और मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की डेमोग्राफी...
आदिवासी दिवस का इतिहास
विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत साल 1994 में तब हुई थी, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था। इस दिन को इसलिए चुना गया, क्योंकि 9 अगस्त 1982 को संयुक्त राष्ट्र ने Working Group on Indigenous Populations ( स्वदेशी आबादी पर कार्य समूह ) की पहली बैठक आयोजित की थी।
आदिवासी दिवस का महत्व
आदिवासी समुदायों का दुनिया भर में सांस्कृतिक, सामाजिक और भौगोलिक महत्व है। हालांकि, वे अक्सर अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं और विकास के लाभों से भी अछूते रह जाते हैं। इस दिवस का उद्देश्य है उनकी समस्याओं को उजागर करना और उनके अधिकारों के संरक्षण की दिशा में काम करना है। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी समुदायों के प्रति जागरूकता लाना है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदायों की डेमोग्राफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन दोनों राज्यों में आदिवासी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है।
मध्य प्रदेश में आदिवासी
- आदिवासी जनसंख्या: मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग 21% हिस्सा आदिवासी समुदायों का है।
- प्रमुख आदिवासी समूह: गोंड, भील, बैगा, कोरकू, कोल, भारिया, हड़पा आदि प्रमुख आदिवासी समूह हैं।
- आदिवासी क्षेत्र: मध्य प्रदेश के मुख्य आदिवासी क्षेत्र पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में स्थित हैं, जैसे कि झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, मंडला, डिंडोरी, शहडोल, बालाघाट आदि जिले।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी
- आदिवासी जनसंख्या: छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या का लगभग 31% हिस्सा आदिवासी समुदायों का है।
- प्रमुख आदिवासी समूह: गोंड, मुरिया, हल्बा, भतरा, कंवर, उरांव, कमार, और बैगा प्रमुख आदिवासी समूह हैं।
- आदिवासी क्षेत्र: बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, और बीजापुर जैसे दक्षिणी छत्तीसगढ़ के जिलों में आदिवासी जनसंख्या की अधिकता है।
आदिवासियों की विधानसभा में भागीदारी
छत्तीसगढ़ राज्य में 11 लोकसभा क्षेत्र है । इनमें से 4 अनुसूचित जनजाति, 1 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं । इसी तरह राज्य में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, इसमें से 39 सीटें (29 अनुसूचित जनजाति और 10 अनुसूचित जाति के लिए) आरक्षित है। वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा में आदिवासियों के लिए 47 सीट आरक्षित हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है। इन राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में उनकी जनसंख्या विधानसभा सीटों के आरक्षण और राजनीतिक प्रभाव को प्रभावित करती है।
विश्व आदिवासी दिवस की थीम
विश्व आदिवासी दिवस 2024 की थीम "स्वैच्छिक एकांत और प्रारंभिक संपर्क में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा" है। यह थीम उन आदिवासी समूहों पर केंद्रित है जो खुद को बाहरी दुनिया से अलग रखते हैं। ये समूह आमतौर पर उन दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं जो प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होते हैं।
Q: विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है?
A: विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाता है।
Q: विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत कब हुई?
A: विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत साल 1994 में हुई थी।
Q: विश्व आदिवासी दिवस का महत्व क्या है?
A: आदिवासी समुदायों का दुनिया भर में सांस्कृतिक, सामाजिक और भौगोलिक महत्व है, लेकिन वे अक्सर अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं और विकास के लाभों से भी अछूते रह जाते हैं।
Q: मध्य प्रदेश में आदिवासी जनसंख्या का क्या हिस्सा है?
A: मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग 21% हिस्सा आदिवासी समुदायों का है।
Q: छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनसंख्या का क्या हिस्सा है?
A: छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या का लगभग 31% हिस्सा आदिवासी समुदायों का है।
Q: विश्व आदिवासी दिवस 2024 की थीम क्या है?
A: विश्व आदिवासी दिवस 2024 की थीम "स्वैच्छिक एकांत और प्रारंभिक संपर्क में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा" है।