हिंसक भीड़ ने लूट लिए 19 हजार से ज्यादा गोलियां और 199 राइफल्स, उग्रवादियों के सामने बेबस दिखी मणिपुर पुलिस

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The Sootr CG
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हिंसक भीड़ ने लूट लिए 19 हजार से ज्यादा गोलियां और 199 राइफल्स,  उग्रवादियों के सामने बेबस दिखी मणिपुर पुलिस

IMPHAL. जातीय संघर्ष और हिंसा से प्रभावित राज्य मणिपुर में भीड़ की ओर से पुलिस शस्त्रागार में घुसकर हथियार और गोला-बारूद लूटने के एक दिन बाद, पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने शुक्रवार 5 अगस्त को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस शस्त्रागार में लूटपाट की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही मणिपुर के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है, लेकिन हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं सामने आ रही है।



उग्रवादियों ने लूटे इतने हथियार



मीडिया से बात करते हुए मणिपुर के पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने कहा, हथियारों की लूट में शामिल किसी भी उग्रवादियों को बख्शा नहीं जाएगा। अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हिंसक भीड़ ने बिष्णुपुर जिले के नारानसीना स्थित द्वितीय इंडिया रिजर्व बटालियन के मुख्यालय में घुसकर एके-47 और घातक श्रृंखला की राइफल तथा अलग-अगल बंदूकों की 19 हजार से अधिक गोलियां लूट लीं। पुलिस अफसरों के मुताबिक, भीड़ ने 3 मई को अलग- अलग राइफलों की 19,000 राउंड से ज्यादा की गोलियां, एक असॉल्ट राइफल एके सीरीज की, 3 घातक राइफल, 195 सेल्फ-लोडिंग राइफल्स, पांच एमपी-4 बंदूक, 16.9 एमएम की बंदूक, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट, 21 कार्बाइन और 124 हथगोले सहित अन्य हथियार लूट लिए। 



मणिपुर डीजीपी बोले- शांत हो रहे हैं हालात



मणिपुर राइफल्स के जवान टोरुंगबाम ऋषिकुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने कहा कि हिंसा की छिटपुट घटनाएं होने के बावजूद हालात सामान्य होने लगे है। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से सहयोग करने की अपील की। घायल जनाव टोरुंगबाम ने गुरुवार 3 अगस्त की रात दम तोड़ दिया। डीजीपी राजीव सिंह ने 47 वर्षीय टोरुंगबाम की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बीते गुरुवार को इंफाल पश्चिम जिले के सेनजम चिरांग में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी के दौरान मणिपुर राइफल्स के जवान तोरुंगबाम ऋषिकुमार को सिर में गोली लग गई थी। डीजीपी ने कहा कि मृतक के परिवार को सहायता प्रदान की जाएगी।



3 मई से जारी है जातीय हिंसा



मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे के मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा होने के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई सौ लोग घायल हो गए। मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी नागा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और वो पहाड़ी जिलों में रहते हैं।


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