मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराजगी के चलते कांग्रेस में गए पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में लौट सकते हैं। बुधवार को बाड़मेर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत में उन्होंने इस बात के संकेत दिए। सोशल मीडिया से उन्होंने हाथ का सिंबल हटा दिया है। उसकी जगह उनके अकाउंट पर अटल बिहारी वाजपेयी और पिता जसवंत सिंह का फोटो लगी है।
वसुंधरा विरोधी की भाजपा में वापसी!
पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय जसवंत सिंह की बुधवार को जयंती थी। इस मौके पर बाड़मेर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उनके पुत्रपूर्व सांसद और विधायक मानवेंद्र सिंह ने भाजपा में जाने के सवाल पर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बात के संकेत जरूर दे दिए कि उनकी बातचीत चल रही है और वह भाजपा में लौट सकते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके समर्थक चाहते हैं कि वह भाजपा में लौटे लेकिन अब देखते हैं क्या फैसला किया जाता है। भाजपा में लौट के सवालों पर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि मौसम का मिजाज कैसा रहता है। जब तक किसी से नट नहीं हो जाता तब तक सार्वजनिक नहीं करते। सोशल मीडिया पर बदली प्रोफाइल को लेकर किए सवाल पर मानवेंद्र ने कहा-आज पिता जसवंत सिंह की जयंती थी। उन्हीं का अवसर था और उनकी सबसे घनिष्ठ मित्रता अटल जी के साथ थी। दोनों दूसरे लोक में भी साथ में हैं। उनको याद किया है। अटल जी के परिवार को भी यह फोटो बेस्ट और सुंदर लगता है। यही सोच कर मैंने दोनों को याद करते हुए फोटो लगाया है।
2014 में शुरू हो गई थी वसुंधरा से अनबन
मानवेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी रह चुके हैं और राजस्थान विधानसभा के विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2014 में उनके पिता पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी जगह कांग्रेस से भाजपा में आए कर्नल सोनाराम को यहां से टिकट दे दिया गया। जसवंत सिंह और मानवेंद्र सिंह का मानना था कि इसमें तत्तकालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हम भूमिका रही है। तभी से मानवेंद्र सिंह और जसवंत सिंह वसुंधरा राजे के खिलाफ हो गए और 2018 के चुनाव से पहले मानवेंद्र सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए।
कांग्रेस ने लड़ाया वसुंधरा के खिलाफ चुनाव
2018 के चुनाव में हालांकि मानवेंद्र सिंह बाड़मेर की किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें झालावाड़ में वसुंधरा राजे के सामने चुनाव मैदान में उतार दिया। वे चुनाव हार गए लेकिन वसुंधरा से अनबन के चलते कांग्रेस में ही बने रहे। इसके बाद 2019 में लोकसभा का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर ही लड़ा और अभी 2023 में सिवाना से कांग्रेस के टिकट पर ही विधानसभा का चुनाव भी लड़ा। लेकिन वे दोनों ही चुनाव हार गए। कांग्रेस सरकार में मानवेंद्र को सैनिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया।
राजे को साइडलाइन किए जाने के बाद से वापसी की अटकलें थी
इस बार के चुनाव में वसुंधरा राजे को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने और साइडलाइन किए जाने के बाद से मानवेंद्र सिंह के भाजपा में लौटने की अटकलें तेज हो गई थी। अब बताया जा रहा है कि इस माह के अंत तक वे भारतीय जनता पार्टी में लौट सकते हैं।