BHOPAL. मोहन सरकार की नई कैबिनेट के ज्यादातर मंत्री बेघर हैं। सरकार के तीस मंत्रियों में से 22 को घर की तलाश है। इनमें से सबसे ज्यादा वेटिंग तीन बंगलों के लिए है। इन बंगलों पर सभी बेघर मंत्रियों की नजर है। दरअसल इन बंगलों में खास बात है। ये बंगले सरकारी न होकर प्रायवेट प्रॉपर्टी नजर आते हैं। पिछले दो साल में इन पर दो करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। आखिर कौन से हैं ये बंगले आइए आपको दिखाते हैं।
बंगला नंबर 1
चार इमली स्थित बंगला नबंर 1 जो पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम है। इस बंगले पर दो साल में 72 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं। 50 लाख इसकी साज सज्जा पर और 22 लाख रुपए बिजली पर। यानी कुल 72 लाख रुपए। नरोत्तम मिश्रा अब पूर्व मंत्री हो चुके हैं और विधायक भी नहीं रहे हैं। नियमानुसार इनको इस बंगले में रहने की पात्रता नहीं है। मिश्रा ने गृह मंत्री रहते इस बंगले का पूरा नवनिर्माण कराकर चमचमा दिया है। लिहाजा इस बंगले में रहने की सभी नए मंत्रियों की ख्वाहिश है। सबसे ज्यादा आवेदन इसी बंगले के लिए सरकार के पास आए हैं।
बंगला नंबर 2
बंगला नंबर 2 पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का है। वे इस बार विधायक तो हैं लेकिन उन्हे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। इस बंगले पर दो साल में 84 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। 61 लाख बंगले के रिनोवशन पर और 23 लाख रुपए बिजली साज सज्जा पर। यह बंगला उनको मंत्री कोटे से मिला था अब नियमानुसार उनको इस बंगले की पात्रता नहीं है। भूपेंद्र सिंह के बंगले पर भी नए मंत्री की नजर है। नए मंत्रियों ने इस बंगले के लिए भी आवेदन दिए हैं।
बंगला नंबर 3
चार इमली स्थित बंगला नंबर 3 पूर्व मंत्री कमल पटेल का है। इस बंगले पर दो साल में 40 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। 10 लाख बंगले में खर्च हुए हैं और 30 लाख की विद्युत साज सज्जा की गई है। कमल पटेल अब न तो मंत्री हैं और न ही विधायक लिहाजा अब उनको बंगला खाली करना पड़ेगा। नए मंत्री इस बंगले की चाहत भी रखते हैं।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत तो मिली लेकिन उनके 12 मंत्री चुनाव में हार गए और 10 मंत्रियों को इस मंत्री मंडल में जगह नहीं मिली है। इन पूर्व मंत्रियों के बंगला खाली नहीं करने का खामियाजा नए मंत्री उठा रहे हैं। यहां तक कि वरिष्ठों में कैलाश विजयवर्गीय अपने पुत्र के सरकारी आवास से और प्रहलाद पटेल अपने भाई के सरकारी आवास पर अपना कामकाज कर रहे हैं।