Dehradun. समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर जहां मोदी सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। वहीं देशभर में विपक्ष समेत कई मुस्लिम संगठन इसके विरोध में उतर गए हैं। इसके उलट उत्तराखंड UCC का ड्राफ्ट तैयार करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। ड्राफ्ट में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने, बहुविवाह और हलाला पर रोक लगाने समेत कई अहम प्रविधान किए गए हैं। ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति 30 जून को उत्तराखंड के सीएम धामी को रिपोर्ट सौंप सकती है। ऐसे में जुलाई के मध्य इसे लागू किया जा सकता है। दूसरी ओर राष्ट्रीय विधि आयोग के अलावा यूसीसी लागू करने का एलान कर चुकी गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार को भी उत्तराखंड के यूसीसी ड्राफ्ट का इंतजार है। ड्राफ्ट मिलते ही गुजरात और मप्र में इसे लागू करने की कवायद तेज हो जाएंगी।
ड्राफ्ट को दिया जा रहा अंतिम रूप, CM धामी को 30 जून को मिल सकती है रिपोर्ट
जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समिति से 30 जून तक रिपोर्ट प्राप्त होने की अपेक्षा की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट जुलाई माह के पहले हफ्ते में सौंपी जा सकती है। जानकारों का मानना है कि जस्टिस देसाई कमेटी की रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राष्ट्रीय विधि आयोग सक्रिय हुआ। कमेटी की तरह ही आयोग ने यूसीसी पर सुझाव मांगने शुरू किए हैं। कमेटी के साथ आयोग के अध्यक्ष और सदस्य एक बैठक नई दिल्ली में कर चुके हैं। यूसीसी की रिपोर्ट भी विधि आयोग के लिए मददगार होगी। बीजेपी शासित मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया है। दोनों राज्यों को भी इस रिपोर्ट का इंतजार है।
ढाई लाख से अधिक सुझाव मिलने के बाद तैयार किया गया ड्राफ्ट
विशेषज्ञ समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुट गई है। मई 2022 में समिति का गठन हुआ था। गठन से लेकर अब तक समिति ढाई लाख से अधिक सुझाव ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से प्राप्त कर चुकी है। सभी 13 जिलों में हितधारकों के साथ सीधे संवाद कर चुकी है। नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों से भी चर्चा हो चुकी है।
प्रधानमंत्री के बयान से धामी उत्साहित
यूसीसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान कि देश को दो कानूनों से नहीं चलाया जा सकता है, को लेकर सीएम धामी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यूसीसी पर भारत के संविधान की मूल भावना के अनुरूप ही निर्णय होने हैं। समिति इस पर काम कर रही है। सबके हित में निर्णय आएगा। उत्तराखंड से इसकी शुरुआत हुई है। देवभूमि इसकी अगुआई कर रही है। हमारी यह अपेक्षा है कि आने वाले समय में देश भर में यूसीसी लागू हो।
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- शादी की उम्र: यूसीसी में सभी धर्मों की लड़कियों की विवाह योग्य उम्र एक समान करने का प्रस्ताव है। पर्सनल लॉ और कई अनुसूचित जनजातियों में लड़कियों की विवाह की उम्र 18 से कम है। यूसीसी के बाद सभी लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ सकती है।
काम तकरीबन पूरा
सुझावों, संवादों और चर्चाओं का विश्लेषण करने के बाद समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है। प्रदेश सरकार ने 30 जून तक रिपोर्ट की अपेक्षा की है। ड्राफ्ट तैयार करने का काम तकरीबन पूरा हो चुका है।