INDORE. इंदौर में नवविवाहिता ईशा जैन के सुसाइड केस में आरोपी कोचिंग टीचर संदीप तोमर ने सरेंडर कर दिया। ईशा से 16 साल बड़े संदीप पर आरोप है कि उसने शादी से पहले और बाद के मैसेज की आड़ में ब्लैकमेल और प्रताड़ित किया। परेशान होकर ईशा ने 6 मई को सुसाइड किया था। घटना के बाद से आरोपी संदीप तोमर फरार था। गुरुवार (26 जुलाई) को पुलिस ने संदीप को जेल भेज दिया।
परिजनों ने शिकायत में पूछा- ईशा के पास जहर कहां से आया
शादीशुदा ईशा की जांच के बीच उसके परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार ने टीचर के मोबाइल जब्त करने से लेकर अन्य कई शिकायतें पुलिस अफसरों से की हैं। परिवारजनों ने पूछा है कि ईशा के पास जहर से कहां आया, इसकी पड़ताल भी की जाना चाहिए।
सुसाइड के पहले 'वे टू कमिट सुसाइड' सर्च किया था ईशा ने
पुलिस जांच में जब्त मोबाइल ने कई राज खोले हैं। जिसमें पता चला है कि ईशा ने 3 मई को मोबाइल में ऑनलाइन 'वे टू कमिट सुसाइड' (आत्महत्या करने का तरीका) सर्च किया था। ईशा 3 मई को अपने ऑफिस से दोपहर 2 बजे ही निकल गई थी। इसके साढ़े छह घंटे बाद यानी रात साढ़े आठ बजे ईशा ने ननद को कॉल किया और फिर दो दिन बाद सुसाइड कर लिया था।
ईशा के वकील के तर्क के बाद आरोपी ने ली जमानत अर्जी वापस
फरार रहते आरोपी संदीप ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। उसमें तर्क दिया कि ईशा के सुसाइड की वजह मैं नहीं, बल्कि उसका पति और उनके बीच का विवाद है। इसी कारण से पति उसे मायके में छोड़कर आ गया था। वह शादीशुदा थी, समझदार थी। जवाब में ईशा के वकील ने तीन लाख मैसेज की बात रखी और हाईकोर्ट ने जमानत खारिज कर दी। इसके बाद संदीप ने तुरंत जमानत अर्जी वापस ले ली। फरियादी के वकील ने कोर्ट में बताया कि ईशा जब अपने घर से गई तो वह खाली हाथ थी। उसके पास जो मोबाइल मिला, उसे संदीप तोमर इस्तेमाल करता था। इसकी सिम संतोष नामक युवक के नाम से थी। संतोष आरोपी संदीप की कोचिंग सेंटर में काम करता था। इसके चलते संदीप ने उसी की आईडी कार्ड से सिम ली थी।
ईशा के वकील और परिजनों ने पुलिस से इन पॉइंट्स पर जांच की मांग की
- ईशा के परिवार ने पुलिस कमिश्नर से अधूरी जांच की शिकायत की है। परिवार ने बिंदुवार जानकारी मांगी है। परिवार ने एसीपी को बयान दर्ज कराने की बात कही।