नए मेडिकल कॉलेजों में 150 से ज्यादा नहीं होंगी MBBS की सीटें, होस्टल को लेकर भी नियम जारी, जानें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की शर्ते

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Pratibha Rana
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नए मेडिकल कॉलेजों में 150 से ज्यादा नहीं होंगी MBBS की सीटें, होस्टल को लेकर भी नियम जारी, जानें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की शर्ते

New Delhi. देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं को बेहतर करने के लिए तेजी से नए मेडिकल कॉलेजों को स्थापित करने की मुहिम चल रही है। ऐसे में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने नए नियम और शर्तें जारी की हैं। अब नए मेडिकल कालेजों में अधिकतम 150 एमबीबीएस सीटें ही होंगी। इस समय यह अधिकतम सीमा 250 है। 2024-25 शैक्षणिक सत्र से स्थापित होने वाले कालेजों पर ये नियम लागू होंगे। मेडिकल कालेजों के लिए संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में 10 लाख आबादी पर 100 एमबीबीएस सीटों के अनुपात का भी पालन अनिवार्य किया गया है यानी प्रत्येक राज्य में प्रति 10 लाख आबादी पर एमबीबीएस सीटों की संख्या 100 से अधिक नहीं की जा सकेगी। 



मध्य प्रदेश में कुल 20 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज 



मप्र में कुल 20 सरकारी मेडिकल कॉलेज बन रह हैं। इनमें से कुछ तैयार हो चुके हैं तो वहीं कुछ का काम जारी है। हाल ही में शिवराज सरकार ने छह नए मेडिकल कॉलेजों को खोलने की घोषणा की है। प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज आदिवासी बहुल और पिछड़े इलाकों मंडला, सिंगरौली, राजगढ़, श्योपुर, नीमच और मंदसौर में खोले जा रहे हैं। 



एनएमसी ने क्या कहा है अपने दिशा-निर्देश में?



नए मेडिकल संस्थानों की स्थापना, नए चिकित्सा पाठ्यक्रमों की शुरुआत, मौजूदा पाठ्यक्रमों के लिए सीटों की वृद्धि और मूल्यांकन और रेटिंग नियम के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए नए नियम जारी किए गए हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने 16 अगस्त को जारी अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि प्रवेश के लिए कोई भी अतिरिक्त सीट कोटा उस कालेज में एडमिशन के लिए मंजूर की गई सीटों की संख्या के भीतर होगा। जिन कालेजों ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए बढ़ी हुई सीटों के लिए आवेदन किया है, लेकिन सीटें नहीं बढ़ाई हैं, वे केवल वर्ष 2024- 25 में एक बार के लिए कुल 200 या 250 सीटों की मांग सकते हैं, जो उनके पिछले आवेदन में थी। 2023-24 के बाद नए मेडिकल कालेज शुरू करने की अनुमति पत्र केवल 50/100/150 सीटों के लिए जारी किया जाएगा।



नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 8 शर्तें की हैं जारी




  • मेडिकल कॉलेज शुरू करने की अनुमति चाहने वाले प्रत्येक अस्पताल में मेडिकल कॉलेज, संबद्ध शिक्षण अस्पताल, विद्यार्थियों और प्रशिक्षुओं के लिए छात्रावास (होस्टल) होना चाहिए।


  • मेडिकल कॉलेज, होस्टल और शिक्षण अस्पताल या संस्थान एक परिसर या अधिकतम दो परिसरों में हो ही सकते हैं।

  • अगर दो परिसर हैं तो कॉलेज एक ही परिसर में होगा। कालेज और अस्पताल के परिसर के बीच की दूरी के लिए यात्रा का समय अधिकतम 30 मिनट ही रख सकेंगे। अस्पताल में कम से कम 220 बिस्तर होना अनिवार्य है। 

  • अनुमति चाहने वाले हर अस्पताल के लिए मेडिकल कालेज से संबद्ध ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र /सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/शहरी स्वास्थ्य केंद्र होने चाहिए, जिसका उपयोग इंटर्नशिप प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा।

  •  प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में कौशल प्रयोगशाला होगी, जहां विद्यार्थी कौशल में सुधार कर सकते हैं। क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए वार्डों में तैनात करने से पहले विद्यार्थियों को छह सप्ताह का कौशल प्रयोगशाला प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से देना होगा।

  • मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की इमारतों को प्रचलित बिल्डिंग कोड और स्थानीय भवन मानदंडों के अनुरूप होना होगा। 

  • अस्पतालों में रोगी निकासी योजनाओं सहित अग्नि-सुरक्षा उपाय होने चाहिए। 

  • दिव्यांगों तक सुविधाएं पहुंचाने की आवश्यकताओं का भी पालन करना होगा।


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