BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। यह सब तक हुआ है जब मप्र में पिछले साल से ज्यादा समय से बीजेपी की सरकार थी और फिर से काबिज हुई है। कांग्रेस को मात्र 66 सीटें मिल पाई हैं। अब कांग्रेस गुरुवार को सुबह करीब 11 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायक दल की बैठक कर रही है। इसमें नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर चर्चा होगी। बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ भी मौजूद रहेंगे।
सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह भी रहेंगे बैठक में
बैठक में मप्र कांग्रेस के प्रभारी और पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह बैठक में सिस्सा लेने दिल्ली से भोपाल आ चुके हैं। इसके अलावा बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ और कई सीनियर लीडर्स मौजूद रहेंगे।
विधानसभा चुनाव में हार के करणों की होगी चर्चा
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बैठक में विधानसभा चुनाव में हार के कारणों और लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष के चयन के लिए भी नामों पर चर्चा होगी। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करने के बजाए इस पद के लिए दावेदार नेताओं के नाम आलाकमान को भेजे जा सकते हैं। संभवत: फैसला हाईकमान ही करेगा।
पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शेखर ने दिया इस्तीफा
इधर, बैठक से पहले कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्र प्रभास शेखर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब तक संगठन के कार्यों में उनकी भूमिका अहम रही है। उन्होंने इस्तीफे की वजह समय का अभाव बताया है और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेजा दिया है।
आदिवासी विधायक के नेता प्रतिपक्ष बनने की संभावना
बीजेपी ने ओबीसी वर्ग से सीएम बनाने के साथ ही सामान्य और अनुसूचित जाति वर्ग से एक-एक डिप्टी सीएम बनाए हैं। ऐसे में कांग्रेस में आदिवासी विधायक को नेता प्रतिपक्ष की कमान देने पर विचार हो रहा है। हालांकि, कांग्रेस में ओबीसी चेहरे के तौर पर विजयपुर विधायक रामनिवास रावत और ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाह के नाम भी चर्चा में हैं। वहीं, संसदीय मामलों में अनुभवी नेताओं के तौर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह 'राहुल भैया', पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और अमरपाटन से विधायक राजेंद्र कुमार सिंह को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष की रेस में माना जा रहा है।
आदिवासी नेताओं में इनके नाम शामिल
आदिवासी नेताओं में उमंग संघार, ओमकार सिंह मरकाम और बाला बच्चन के नाम सबसे आगे हैं। यहां जानते हैं तीनों आदिवासी नेताओं की प्रोफाइल-
- उमंग सिंघार- मप्र की पूर्व डिप्टी सीएम स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे और धार जिले की गंधवानी सीट से चौथी बार के विधायक हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, आईसीसी में एसटी कांग्रेस में राष्ट्रीय सदस्य के साथ ही झारखंड के सहप्रभारी रह चुके हैं।
- ओमकार सिंह मरकाम- डिंडोरी से चौथी बार विधायक हैं। कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) के सदस्य हैं। अपने क्षेत्र से लेकर भोपाल तक सक्रिय और निर्विवाद छवि है।
- बाला बच्चन- कमलनाथ सरकार में गृहमंत्री रहे। छठवीं बार के विधायक हैं। बड़वानी जिले की राजपुर सीट से विधायक बाला बच्चन कमलनाथ के करीबी हैं। कमलनाथ की पसंद का ध्यान रखा गया तो नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।