JAIPUR. राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) में घोटाले के आरोपों को लेकर सियासत गरमा गई है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के आरोपों पर प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने पलटवार करते हुए उन्हें ब्लैकमेलिंग करने वाला तक कह दिया। महेश जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किरोडी लाल मीणा की झूठे आरोप लगाने की फितरत रही है। किरोड़ी लाल मीणा पॉलिटिकल ब्लैकमेल कर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं जरूरत पड़ने पर मानहानि का मामला दर्ज कराने के लिए राय ले रहा हूं।
'किरोड़ी की आपत्ति का मतलब केंद्र के खिलाफत करना'
मंत्री महेश जोशी ने कहा कि 20 हजार करोड़ के जो टेंडर देने थे, वो टेंडर हम जनवरी में ही निरस्त कर चुके हैं, अब किरोड़ी लाल मीणा आरोप लगा रहे हैं। इसका मतलब या तो यह उनको यह सुहा नहीं रहा है कि टेंडर क्यों निरस्त किए गए या फिर अब जो टेंडर हो रहे हैं उसके लिए वह दबाव बनाना चाहते हैं। उनके मन में कोई ना कोई बात जरूर है। केंद्र सरकार किरोड़ी की पार्टी की है और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन भी केंद्र का है। किरोड़ी लाल मीणा उस पर आपत्ति करें तो मतलब साफ है कि वे अपनी ही केंद्र सरकार के खिलाफ जा रहे हैं।
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किरोड़ी टेंडर में किसी को काम दिलवाना चाह रहे
जोशी ने कहा कि जब 20 हजार करोड़ का टेंडर हमने दिया ही नहीं और अब तक कुल साढ़े 16 हजार करोड़ के ही काम हमने करवाए हैं तो फिर आरोप किस बात के लग रहे हैं। या तो किरोड़ी लाल मीणा उन फर्मों को काम दिलवाना चाहते थे जिनके टेंडर हमने निरस्त किए या फिर वह अब दोबारा आने वाले टेंडर में काम किसी को दिलवाना चाहते हैं। यह किरोड़ी लाल मीणा की आदत है कि वे किसी की नहीं सुनते। जो उनके स्वार्थों की पूर्ति करे उस बात को ही हमेशा प्राथमिकता देते हैं।
मानहानि का दावा करने की तैयारी
महेश जोशी ने कहा कि सच्चाई को ना तो दबाया जा सकता है और ना छुपाया जा सकता है, सच्चाई सामने आ जाएगी। यह पॉलिटिकल ब्लैकमेलिंग है। किरोड़ी लाल मीणा हम पर दबाव बना रहे हैं। मैं हमेशा सुचिता की राजनीति करता हूं और अगर कोई आरोप प्रारंभिक तौर पर भी मुझ पर पाए जाएंगे तो मैं खुद ही अपने आप को सजा दे दूंगा, किसी को मुझे कुछ कहना नहीं पड़ेगा। इस मामले में अगर मानहानि का मुकदमा बनता है तो मैं वह भी करूंगा।
जेजेएम में टेंडर प्रोसेस में मंत्री और एसीएस की कोई भूमिका नहीं
किरोडी लाल मीणा के एफआईआर दर्ज नहीं होने के मामले में महेश जोशी ने कहा कि जो आरोप लगाने वाला व्यक्ति होता है उसमें भी गंभीरता होनी चाहिए कि वह क्या आरोप लगा रहा है। जेजेएम में टेंडर तय करने की प्रक्रिया में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती। आज केंद्र सरकार में कोई गलत काम हो जाए और मैं किसी केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाकर सीधे मुकदमा दर्ज करवाने जाऊंगा तो क्या थाने वाले पहले जांच नहीं करेंगे। अगर मामला एफआईआर होने लायक है तो दर्ज करें और जांच करें। हम कोई जांच से नहीं डर रहे। जेजेएम के काम की किसी भी तरह की जांच करवा लीजिए हम सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन कोई तथ्य तो होने चाहिए। जिस टेंडर प्रक्रिया में किरोड़ी बात कर रहे हैं उसमें मंत्री और एसीएस की जब कोई भूमिका ही नहीं है। टेंडर अलग-अलग जांच प्रक्रिया के बाद फाइनल होता है, फिर भी कोई कमी रहती है तो जांच होती है।