Bhopal. मध्यप्रदेश में अब मेडिकल की पूरी पढ़ाई हिंदी में भी हो सकेगी। शुरुआत में तय किया गया था कि सिर्फ फर्स्ट ईयर की किताबों का हिंदी रूपांतरण किया जाएगा। लेकिन अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चारों साल का कोर्स हिंदी में उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है। मंत्री विश्वास सारंग ने मेडिकल एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को हिंदी में मेडिकल की किताबें वितरित करते हुए ये ऐलान किया कि चारों वर्षों की पढ़ाई के लिए हिंदी में भी किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। अगले 2 महीने में ये काम पूरा कर लिया जाएगा। गांधी मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकैमिस्ट्री की किताबों का आवंटन किया गया। इस मौके पर प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी और स्टूडेंट्स ऑनलाइन इस कार्यक्रम से जुड़े थे।
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डॉक्टर को लगा जैसे सजा मिली हो
हिंदी में कोर्स तैयार कराने के लिए मंत्री विश्वास सारंग ने टास्क फोर्स का गठन किया था। साथ ही गांधी मेडिकल कॉलेज में मंदार नाम से वाररूम भी तैयार किया गया था। इस टास्क फोर्स में हमीदिया के अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया भी शामिल थे। किताबों की लॉन्चिंग के अवसर पर अपना अनुभव साझा करते हुए डॉ. गोहिया ने बताया कि जब पहली बार उन्हें मीटिंग में मंत्री विश्वास सारंग ने बताया था कि हिंदी में कोर्स तैयार करना हैं। तो उन्हें बस यहीं गाना याद आया था कि हमसे क्या भूल हुई जो ये सजा हमकों मिली। लेकिन काम करते करते सजा खुशी में बदल गई।
12 किताबें हिंदी में तैयार होंगी
फिलहाल मेडिकल की पढ़ाई की तीन किताबों का हिंदी रूपांतरण किया गया है। लेकिन किताबों में इंग्लिश के शब्द भी रखे गए है। यानी टर्मिनोलॉजी को नहीं बदला गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अब 12 और किताबों का हिंदी में रूपांतरण करने की तैयारी कर ली है। यानी पूरे कोर्स की कुल 15 किताबें हिंदी में उपलब्ध होंगी। मंत्री विश्वास सारंग का दावा हैं कि नवंबर तक काम पूरा हो जाएगा।