BHOPAL. भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता जीतू पटवारी को शासकीय कार्य में बाधा डालने के केस में सजा दी है। जीतू व उनके सहयोगियों खिलाफ 2009 में राजगढ़ में शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया गया था। केस में शासकीय कार्य में बाधा, बलवा समेत अन्य धाराएं लगाई गईं थी। जीतू पटवारी और उनके सहयोगियों पर धारा 147, 149, 332 और लोक संपत्ति नुकसानी अधिनियम की धारा 3 के तहत केस किया गया था।
किस धारा में कितनी सजा मिली
कोर्ट ने जीतू पटवार को धारा 147 में छह माह सजा और 1 हजार जुर्माना किया है। 332 में एक साल सजा और 700 रुपए जुर्माना और लोक संपत्ति नुकसानी अधिनियम की धारा 3 में 1 वर्ष सजा और 2 हजार जुर्माना किया गया है।
जमानत का कर सकते हैं आवेदन
जीतू आईपीसी की धारा 389 के तहत सेशन कोर्ट में जमानत की अपील कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास एक माह का समय है। क्योंकि सजा दो साल से कम है, इसलिए जीतू के चुनाव लड़ने पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
क्या कहा जीतू ने
सजा के बाद जीतू पटवारी ने द सूत्र से कहा -2009 के जिस मामले में मुझे सजा सुनाई गई है, उसमें मैं किसानों की लड़ाई लड़ने गया था। सरकार मुझे जेल में भी डाल देगी तो भी किसानों की लड़ाई जारी रहेगी। मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं।
भोपाल की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक श्री जीतू पटवारी को किसान और बिजली बिल के खिलाफ आंदोलन के एक पुराने मुकदमे में सजा सुनाई है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे असहमत हैं। हम ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे।
मैं स्पष्ट करना चाहता…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 1, 2023
उज्जैन कांग्रेस नेता सुरेंद्र मरमट को एक साल की सजा
उज्जैन कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट 2009 में राजगढ़ क्षेत्र के प्रभारी थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मामले में विवाद होने पर घायल भी हुए थे, जीतू पटवारी उस समय युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। इंदौर न्यायाधीश विधान माहेश्वरी की कोर्ट ने उज्जैन कांग्रेस नेता सुरेंद्र मरमट को भी 1 साल की सजा 10 हजार का जुर्माना किया है।