JAIPUR. सांगोद से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर ने स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तीखी भाषा में पत्र लिखा है। पत्र में भरत सिंह ने लिखा- मंगलवार 20 जून को सीएमओ ने आदेश निकालकर वन विभाग के 39 आईएफएस की सूची के साथ बड़ी संख्या में तबादले किए हैं। इस विषय पर वन मंत्री से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि सीएमओ ने उनसे बिना चर्चा किए स्थानांतरण किए हैं। यह अत्यंत खेदजनक है कि विभाग के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री को नजरअंदाज कर सीएमओ काम कर रहा है।
चिट्ठी में लिखी खरी- खरी, लगाए कई आराेप
भरत सिंह ने पत्र में लिखा- कृपया इस पत्र को मेरे स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य पद से त्यागपत्र समझा जाए। त्याग पत्र देने का कारण स्पष्ट कर रहा हूं। वन्यजीव संरक्षण व वनों में मेरी बचपन से रुचि रही है। एक विधायक के रूप में भी उनके संरक्षण पर मैंने ध्यान दिया है। प्रदेश के वाइल्ड लाइफ बोर्ड का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है। आप मुख्यमंत्री होने के नाते वाइल्ड लाइफ बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। सच्चाई तो यह है कि आपकी वाइल्ड लाइफ के संरक्षण में रुचि नहीं है। इसी कारण वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठकें भी प्रदेश में समय पर नहीं होती। आपने कभी भी घोषित मुकंदरा टाइगर रिजर्व पार्क का अवलोकन नहीं किया है। साल 2018-19 की बजट घोषणा अनुसार अंता में गोडावन प्रजनन केंद्र का विकास होना था। अंता के विधायक व प्रदेश के भ्रष्ट मंत्री को आपने संरक्षण प्रदान कर गोडावन के संरक्षण कार्य को अंगूठा दिखाकर अपने पहले बजट घोषणा में राज्य पक्षी गोडावन की हवा निकाल दी है।