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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली से केवल जनता और महापौर और एमआईसी सदस्य ही नहीं बल्कि अब तो नवनिर्वाचित विधायक भी परेशान हो गए हैं। विकास कामों की समीक्षा बैठकों में लगातार विधायक काम नहीं होने की शिकायतें कर रहे हैं। सोमवार को भी विकास कामों की बैठक में विधायक उखड़ गए और बोले कि लगता है काम नहीं करने की कसम खा ली है।
विधायकों ने इन मुद्दों पर दिखाई तल्खी
- विधायक रमेश मेंदोला- निगम अवैध नल कनेक्शन पर कार्रवाई की बात तो कर रहा है, लेकिन जहां कनकेशन वैध है वहां ही पानी सही से नहीं मिल रहा है। कई काम जो बीती बैठक में बताए थे, उनपर भी काम शुरू नहीं हुआ।
- गोलू शुक्ला- हमारे विधानसभा तीन में कई सड़के खुदी हुई है, जर्जर है। अभी तक डामरीकरण नहीं हुआ है। कई जगह लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।
- मालिनी गौड़- शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है, नसबंदी तक के रिकार्ड निगम अधिकारी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। बस स्टैंड पर रोड पर कब्जे हैं, स्मार्ट सिटी की अभी भी कई सड़कें खुदी पड़ी हुई है।
- महेंद्र हार्डिया- नई टंकिया बना रहे हैं लेकिन पहले पुरानी टंकियों में जल प्रदाय सही हो। कई जगह सड़कों पर अतिक्रमण है। बस्तियों में नियमित पानी नहीं है।
- मधु वर्मा- राउ में कई जगह रात में सड़कों पर अंधेरा होता है, सड़कें जर्जर हालत में हैं। स्ट्रीट लाइट नहीं होने से हादसे की आशंका रहती है।
क्या है सफाई में सात बार से नंबर वन इंदौर की हालत-
- डॉग बाइट- हर दिन 400 से ज्यादा केस आ रहे हैं। नसबंदी के लिए एनजीओ को ठेका दिया हुआ है लेकिन कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- पेयजल- नर्मदा से हर दिन 436 एमएलडी पानी आ रहा है जो 73 टंकियों से शहर में सप्लाय होता है। बोरिंग है टेंकर है लेकिन इसके बाद भी पूरी आबादी को पानी नहीं पहुंच रहा है।
- सड़कों की हालत- शहर में 3792 किमी सड़के हैं, इसमें 3424 सीमेंट की और 368 किमी डामर की है। इन डामर की सड़कों पर हर साल 10 करोड़ रुपए मेंटनेंस के नाम पर खर्च हो रहे हैं, इसके बाद भी हर साल 90 फीसदी सड़कें जर्जर होती है। लगातार पेंचवर्क ही चलता रहता है।