Bhopal. मध्यप्रदेश के भोपाल में मेट्रो रेल का प्लेटफॉर्म बनकर तैयार हो चुका है। सितंबर महीने में 3 कोचों वाली मेट्रो को बतौर ट्रायल चलाया भी जाएगा। माना जा रहा है कि 25 सितंबर के आसपास यह ट्रायल किया जाएगा। इधर विधानसभा चुनाव दहलीज पर हैं, इसलिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्रायल से पहले ही मेट्रो रेल के मॉडल कोच का लोकार्पण किया। हालांकि मेट्रो के बचे हुए काम को पूरा होने में एक साल लग जाएगा। संभावना है कि अगले साल मई में मेट्रो रेल प्रदेश की राजधानी भोपाल में दौड़ने लग जाएगी। बता दें कि तय रूट पर 3 स्टेशन सुभाष नगर, डीबी सिटी व आरकेएमपी में सिविल वर्क एक माह में पूरा होने की उम्मीद है। एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। साथ ही अन्य सुविधाओं का इंतजार है।
थर्ड रेल का पूरा हुआ काम
बता दें कि भोपाल में जिस ट्रैक पर मेट्रो रेल चलाने बिजली प्रवाहित होगी उसका काम पूरा हो चुका है। सुभाष नगर तक अंडरग्राउंड केवी लाइन बिछाई गई है, जिसकी क्षमता 132 केवी की है। इस लाइन को भी एक दो दिन में चार्ज कर दिया जाएगा। लाइन चार्ज करने के काम से पहले मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी एक आम सूचना जारी करगी ताकि जनता इस लाइन से दूर रहे।
एक ब्रिज का काम लंबित
आरकेएमपी से एम्स तक मेट्रो रेल के संचालन में रेलवे क्रासिंग पर बनने वाले स्टील ब्रिज बाधक बन रहा है। इस ब्रिज का डिजाइन तो तय हो गया है लेकिन सिविल वर्क अभी तक शुरु नहीं हुआ है। ब्रिज बन जाने के बाद ही मेट्रो एम्स तक लाई जा सकेगी।
सेफ्टी सबसे अहम
दरअसल मेट्रो के संचालन से पहले सेफ्टी की तमाम जांच पूरी की जाएगी। इसके लिए पहले पूरे ट्रैक की सेफ्टी जांच होगी। सेफ्टी जांच में ही दो से 3 महीने का टाइम लग जाएगा। वहीं ट्रैक पर सिग्नल, टिकिट, वेटिंग एरिया, पार्किंग, डिपो में ट्रेन की वॉशिंग और मेंटेनेंस की सुविधाएं विकसित किया जाना भी बाकी है।
आरकेएमपी तक एक ट्रैक का काम पूरा
जानकारी के मुताबिक डिपो से आरकेएमपी तक के रूट पर सिंगल ट्रैक पूरा बिछाया जा चुका है। डाउन ट्रैक का काम आधा पूरा हुआ है। यह काम पूरा नहीं भी होता तो सिंगल ट्रैक पर ट्रायल कराया जा सकता है। मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने बताया कि सितंबर में इंदौर और भोपाल में ट्रायल लायक काम हो जाएंगे। पूरा फोकस ट्रायल पर ही है। मई तक संभवतः संचालन भी शुरु हो जाएगा।