BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में पिछले 18 साल से बीजेपी की सरकार है और अगले पांच साल के लिए फिर सत्ता की कुर्सी संभाल ली है। नई सरकार में डॉ. मोहन यादव सीएम बने हैं और उन्हें शासन चलाने के लिए तीन महीने में 25 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ेगा। जिसमें से चुनावी घोषणाओं को पूरा करने पर बड़ी राशि खर्च होगी। आकलन के अनुसार लाड़ली बहना योजना पर 4200 करोड़ और संविदा कर्मियों के बढ़ाए गए मानदेय के भुगतान के लिए 1500 से 2000 करोड़ रुपए होंगे। इसके अलावा सरकार के नियमित व्यय और अन्य योजनाओं पर राशि खर्च की जाएगी।
मार्च के बाद 4 लाख करोड़ से ज्यादा का होगा एमपी पर कर्ज
जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार के ऊपर जो पुराने लोन हैं। उसका कुछ मूलधन भी नए कर्ज से जमा कराया जाएगा। इतना लोन लेने के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 के खत्म होते-होते तक मप्र पर करीब 4.25 लाख करोड़ रुपए तक का कर्ज होगा।
वित्त विभाग को हर दूसरे दिन करना पड़ रहा रिव्यू
जानकारी के अनुसार नई सरकार के गठन से लेकर हर दूसरे दिन वित्त विभाग को रिव्यू करना पड़ रहा है। हाल ही में विभाग ने एक सर्कुलर भी जारी कर दिया, जिसमें प्रमुख योजनाओं पर कटौती की तलवार लटका दी है। साथ ही कह दिया है कि बिना उनकी मंजूरी के खजाने से पैसा जारी न किया जाए। इन स्कीमों में महाकाल परिसर का विकास और मेट्रो ट्रेन जैसी स्कीमें भी शामिल हैं।
इन योजनाओं की राशि में भी कटौती होगी !
बजट कटौती की सूची में सहकारी बैंकों को अंश पूंजी, तीर्थ यात्रा योजना, खेलो इंडिया मप्र, एफ टाइप और उससे नीचे के सरकारी मकानों की रखरखाव, आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की फीस, डॉ. टंट्या भील मंदिर जीर्णोद्धार जैसे काम भी शामिल हैं। सूत्रों बताते हैं, 2024-25 के लेखानुदान से पहले एक अनुपूरक लाने की कवायद चल रही है, लेकिन अब तक सहमति नहीं बनी है।
इन योजनाओं पर मुख्य खर्च
- स्कूटी : पहले सिर्फ लड़कियों को देना था। तब 75 करोड़ लगते, लेकिन चुनाव में लड़कों को भी देने की घोषणा कर दी गई, लिहाजा अब 200 करोड़ रुपए लगेंगे।
- संविदा कर्मी : इनका वेतनमान बढ़ा दिया गया है। इस पर अब 2000 करोड़ रुपए भार आ रहा है। उन्हें लैपटॉप देने की भी घोषणा की गई।
- पुलिस : वर्दी, भोजन और पेट्रोल समेत कई भत्ते बढ़ा दिए गए हैं। पेट्रोल पर ही हर माह एक पुलिसकर्मी पर 1500-2000 रुपए खर्च हो रहा है।
- गैस सिलेंडर : लाड़ली बहना को 450 रुपए में सिलेंडर देने पर हर माह 80-90 करोड़ चाहिए। बचे 3 माह के लिए 300 करोड़ की जरूरत है। पहले इसे एक सावन मास के लिए रखा गया था, अब ऐसा नहीं है।
- पंचायत : सभी श्रेणियों में वेतन बढ़ा दिया गया। ग्रांट में जो राशि जारी होती थी, उसे वेतन मद में डाल दिया गया है। दरअसल, मप्र में 23 हजार रोजगार सहायकों का वेतन दोगुना हो गया है।
- शिक्षा : कॉलेज के अतिथि विद्वानों का मानदेय 20 हजार रुपए बढ़ाया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ाया गया।
सरकार अब तक ले चुकी 40 हजार करोड़ कर्ज
जनवरी 2023 से अभी तक राज्य सरकार करीब 40 हजार करोड़ कर्ज ले चुकी है। एक बार में सर्वाधिक कर्ज 4000 करोड़ लिया गया है। आरबीआई के ऑक्शन के जरिए यह कर्ज उठाया गया है।