मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में मनचलों के नाम अब भर्ती एजेंसियों को भेजे जाएंगे ताकि इन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पाए। शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि मनचलों के नाम राजस्थान लोक सेवा आयोग RPSC और कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजे जाएं। प्रदेश में हो रहे महिला उत्पीड़न के मामलों पर मुख्यमंत्री शनिवार को कहा कि आज का युवा कल का कर्णधार होगा। वो अच्छे साइंटिस्ट, डॉक्टर, इंजीनियर बने, प्रशासनिक सेवाओं में जाएं, सोशल वर्कर बनें, लेकिन कई जगह मनचले लड़के माहौल खराब करते हैं। लड़कियों के साथ बदतमीजी करते हैं। इस संबंध में शुक्रवार को ही चीफ सेक्रेटरी और पुलिस प्रशासन को कहा है कि मनचलों का इलाज करो। इनके नाम लिखो, इनके नाम आरपीएससी में भेजो और कर्मचारी चयन बोर्ड में भेजो।
'सीएम गहलोत ने की लव अफेयर की पैरवी'
सीएम अशोक गहलोत ने की लव अफेयर पैरवी की। उन्होंने कहा कि परिवार में बच्चे-बच्चियों का ध्यान रखें, ताकि ऐसी स्थिति पैदा न हो। लड़के-लड़की बिना पूछे घर से चले जाते हैं, भाग जाते हैं। ऐसी नौबत नहीं आनी चाहिए। परिजनों को भी चाहिए कि बच्चों का ख्याल रखें, उनके दिलो-दिमाग में क्या है। कई बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं, कई बच्चे एक-दूसरे को मार देते हैं। ये तभी रुकेगा, जब मां-बाप का दिल बड़ा हो। अगर किसी का लव अफेयर है तो माता-पिता समझाइश करें। उनको शादी करने की छूट दें। प्रतिष्ठा बनाकर जब वो बैठते हैं तो बच्चे भी गुस्से में बाहर निकल जाते हैं। जैसे ब्यावर की घटना थी। लड़का-लड़की दोनों नाबालिग थे। दोनों जोधपुर चले गए। फिर अहमदाबाद जा रहे थे और बीच में ये घटना हो गई। हम ऐसी घटनाओं की स्टडी करवा रहे हैं।
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मेयर पति सुशील गुर्जर पर कार्रवाई पर बयान
सीएम ने मेयर पति सुशील गुर्जर पर हुई एसीबी की कार्रवाई पर कहा कि दुख इस बात का है कि जिन राज्यों में एसीबी काम नहीं कर रही है, उनमें एक यूपी है। किसी भी अधिकारी को गिरफ्तार करने से पहले सीएम से परमिशन लेनी पड़ती है, लेकिन आज तक वहां किसी को परमिशन मिली नहीं है। राजस्थान में एसीबी को कोई इंटरफेयर नहीं करता। यहां कलेक्टर, एसपी, आरपीएससी के मेंबर, मेयर के हस्बैंड और आईआरएस अरेस्ट हो रहे हैं।