हर-हर महादेव के साथ खत्म हुआ विधानसभा का मॉनसून सत्र, कांग्रेस ने महाकाल लोक पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में लगाए जयकारे

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Rahul Garhwal
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हर-हर महादेव के साथ खत्म हुआ विधानसभा का मॉनसून सत्र, कांग्रेस ने महाकाल लोक पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में लगाए जयकारे

अरुण तिवारी, BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा का 5 दिवसीय मानसून सत्र 2 दिन में ही खत्म हो गया। कांग्रेस विधायक आदिवासी कांड, महालोक भ्रष्टाचार और सतपुड़ा अग्निकांड पर चर्चा कराने की मांग करता रहा। विपक्षी विधायकों ने गर्भगृह में महाकाल के पोस्टर लहराए और हर हर महादेव का जयकारा लगाया। इस हंगामे और नारेबाजी के बीच विधानसभा में विधेयक और सप्लीमेंटरी बजट पास हो गए। सरकारी कामकाज निपटते ही स्पीकर गिरीश गौतम ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। ये सत्र 11 जुलाई से 15 जुलाई तक के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन सत्र 12 जुलाई को ही खत्म हो गया।





सड़क पर संघर्ष करेगी कांग्रेस





पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुझे इस बात कि पूरी आशंका थी कि महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार, सतपुड़ा का प्रायोजित अग्निकांड, महंगाई बेरोजगारी, ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सदन में बहस करने का सरकार में नैतिक साहस नहीं है। सरकार गंभीर मुद्दों पर सदन का सामना करना तो दूर, अब प्रदेश का सामना करने में असफल और अक्षम साबित हो गई है। जबकि हर वर्ग परेशान है, आक्रोशित और व्यथित है। इन सबसे अलग सरकार ने प्रायोजित तरीके से कुछ ही घंटों में सदन के इस आखिरी सत्र का समापन कर संवैधानिक मूल्यों का मखौल उड़ाया है। अब हम सड़कों पर इनके विरुद्ध संघर्ष करेंगे।





कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं इसलिए हंगामा





संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से मुद्दाविहीन हो गई है। उसके पास जनहित के मुद्दे ही नहीं हैं, इसलिए वो बेवजह हंगामा करती रही। सरकार सदन चलाना चाहती थी ताकि लोगों के मुद्दे सदन में उठे जिससे जनता का कल्याण हो, लेकिन कांग्रेस की राजनीति सिर्फ हंगामा खड़ा करने की रही है। जिस आदिवासी पेशाब कांड की चर्चा की मांग कांग्रेस कर रही थी उस मामले में सरकार ने तत्परता से ठोस और कड़ी कार्रवाई की है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा दिया। हम चर्चा चाहते थे, ये भागना चाहते थे। शायरी में कहा कि बदहवास हुए इस तरह से कांग्रेस के लोग, जो पेड़ खोखले थे उसी से लिपट गए।





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हंगामे के बीच पास हुआ अनुपूरक बजट





सत्र के दूसरे दिन अनुपूरक बजट पेश हुआ। भारी हंगामे के बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 27 हजार 718 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। हुक्का बार और तंबाकू से बने उत्पाद के विज्ञापन पर बैन के समेत 3 अन्य संशोधन विधेयक पास हुए। इस बजट में लाड़ली बहना योजना के लिए 2800 करोड़, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका के मानदेय के लिए 235 करोड़, किसानों की अटल ज्योति योजना और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 7 हजार 700 करोड़, सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3 हजार 995 करोड़,  मेट्रो रेल योजना के लिए 450 करोड़ और कायाकल्प अभियान के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।



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