संस्कारधानी में बिक रहा सबसे महंगा दूध, चुनाव के बाद गुपचुप ढंग से फिर बढ़े दाम, 25 करोड़ के घाटे में सरकार का 'दुग्ध संघ'

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Pooja Kumari
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संस्कारधानी में बिक रहा सबसे महंगा दूध, चुनाव के बाद गुपचुप ढंग से फिर बढ़े दाम, 25 करोड़ के घाटे में सरकार का 'दुग्ध संघ'

वेंकटेश कोरी, JABALPUR. प्रदेश के दूध उत्पादक जिलों में शामिल जबलपुर में एक बार फिर दूध के दामों में बढ़ोतरी की गई है। खुले में मिलने वाला दूध पहले जहां 65 रुपए प्रति लीटर के भाव से मिलता था, लेकिन विधानसभा चुनाव के ठीक बाद दूधियों ने इसके दामों में एक साथ 5 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है। अब बाजार में मिलने वाला दूध 70 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिक रहा है। आए दिन दूध के दामों में होने वाली बढ़ोतरी से आम लोग जहां हलकान हो चुके हैं तो वहीं सामाजिक संगठन भी विरोध की आवाज बुलंद करने को मन बना रहे हैं।

डेयरियों से होता है 2.5 लाख लीटर दूध का उत्पादन

संभाग के सबसे बड़े जिले जबलपुर की बात करें तो यहां रोजाना निजी डेयरियों से ढाई लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। इसके बावजूद जबलपुर में सबसे ज्यादा दाम पर दूध की बिक्री हो रही है। दूध के दामों में बढ़ोतरी को लेकर आवाज तो उठती है, लेकिन प्रशासन यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि दूध के कारोबार पर प्रशासन सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर सकता। डेयरी मालिकों की मनमानी को रोकने के लिए प्रशासन सांची और जबलपुर दुग्ध संघ को बढ़ावा देने के दावे तो करता है, लेकिन इसके नतीजे सफल नहीं आ पा रहे हैं, जिसके चलते जबलपुर में दूध के कारोबारी मनमाने तरीके से दूध के दामों का निर्धारण कर लेते हैं।

25 करोड़ के घाटे में जबलपुर दुग्ध संघ

किसानों को दुग्ध संघ से जोड़कर आम लोगों को कम कीमत पर दूध और दूध से बने उत्पाद मुहैया कराने के लिए बनी संस्था जबलपुर दुग्ध संघ खुद सफेद हाथी बना हुआ है। पिछले 5 साल के आंकड़ों की बात करें तो जबलपुर दुग्ध 25 करोड़ के घाटे में चल रहा है। इसके बावजूद अधिकारियों का इस ओर जरा भी ध्यान नहीं जा रहा है। इस सिलसिले में जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे ने प्रशासन को पत्र लिखकर जबलपुर दुग्ध संघ के कामकाज को कटघरे में खड़ा किया है। उनका आरोप है कि जबलपुर दुग्ध संघ को रोजाना एक लाख लीटर दूध के उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन ये महज रोजाना 30 हजार लीटर दूध के उत्पादन तक ही सीमित होकर रह गया है। जिसका खामियाजा जबलपुर के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है और दूध माफिया अपनी मनमर्जी के मुताबिक ऊंची कीमतों पर दूध बेच रहा है

महाकौशल में ये हैं दूध के दाम

महाकौशल संभाग में आने वाले जिलों की अगर बात करें तो सबसे महंगा दूध जबलपुर में ही बिक रहा है जबकि मंडला, डिंडोरी सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर और कटनी में दूध के दाम जबलपुर से काफी कम हैं सिवनी में जहां दूध प्रति लीटर 60 से 62 रुपए की दर पर बिक रहा है तो डिंडोरी में 50 और 60 रुपए के बीच प्रति लीटर के दाम है। इसी तरह कटनी में 50 और 60 रुपए प्रति लीटर दूध बिक रहा है तो नरसिंहपुर में भी प्रति लीटर दूध के दाम 40 और 50 रुपए के बीच है।

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