Jaipur. 14 जुलाई को रिलीज होने जा रही फिल्म 'अजमेर 92' पर भी विवाद शुरू हाे गया है। 100 से ज्यादा लड़कियाें के रेप और उनके न्यूड फाेटाे बाजार में बंटने की कहानी पर यह फिल्म केंद्रित है। इसे भारत का सबसे बड़ा रेप कांड कहा जाता है। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों और अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि इस फिल्म के माध्यम से एक ही कम्युनिटी के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। उनका कहना है कि मूवी को हिंदू- मुस्लिम एंगल से जोड़ना भी गलत है।
100 लड़कियों से रेप की सच्ची कहानी
100 स्कूली और कॉलेज लड़कियों से रेप की कहानी पर बेस्ड Ajmer 92 को लेकर अजमेर में प्रदर्शन की शुरुआत हो चुकी है। बताया जाता है कि इस घटना में अधिकतर आरोपी मुस्लिम समुदाय से थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से कई लड़कियों ने अपनी जान दे दी थी और कइयों को परिवार समेत वहां से गायब होना पड़ा था। फिल्म को लेकर प्रतिबंध लगाने की मांग ये कहकर की जा रही है कि ये फिल्म समाज को बांटने और लोगों में नफरत पैदा करने का काम करेगी। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों और अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि इस फिल्म के माध्यम से एक ही कम्युनिटी के लोगों को टारगेट किया जा रहा है।
फिल्म रिलीज से पहले दरगाह कमेटी को दिखाने की मांग
इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन के चेयरमैन डॉक्टर शोएब जमाई ने देर रात ट्वीट किया कि, फिल्म अजमेर 92 शहर में घटी एक आपराधिक घटना में कुछ स्थानीय अपराधी शामिल थे। अगर यह फिल्म इस तक सीमित है तो हमारा कोई ऑब्जेक्शन नहीं है, लेकिन अगर षड्यंत्र के तहत अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की इमेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई तो फिल्मकारों के खिलाफ कार्रवाई होगी। डॉक्टर शोएब ने लिखा कि बेहतर है कि रिलीज करने से पहले फिल्मकार अजमेर दरगाह कमेटी को फिल्म दिखाएं, ताकि भविष्य में कोई विवाद खड़ा ना हो। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के नाम पर नफरत फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
आईएमडीबी ने फिल्म के पोस्टर के साथ लिखी हैं ये बातें
आईएमडीबी ने इस फिल्म को लेकर दो तस्वीरें शेयर की हैं। बता दें कि ये फिल्म 'अजमेर 92' अगले महीने 14 जुलाई को रिलीज हो रही है। तस्वीरों पर लिखे टेक्स्ट कुछ इस तरह हैं, 'बात 1992 की है। अजमेर दरगाह के खादिम फारूख चिश्ती को 100 लड़कियों से रेप का दोषी पाया गया था, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि अजमेर रेप केस में 300 लड़कियों को अपना शिकार बनाया गया था। इस घटना का भारत का सबसे बड़ा रेप कांड कहा जाता है, जिसे अजमेर दरगाह कांड 1992 के नाम से भी जाना जाता है।'