MP के सीएम मोहन यादव की कोर टीम 50 दिन में तैयार, जानिए 5 आईएएस क्यों है 'सरकार के भरोसेमंद'

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BP Shrivastava
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MP के सीएम मोहन यादव की कोर टीम 50 दिन में तैयार, जानिए 5 आईएएस क्यों है 'सरकार के भरोसेमंद'

BHOPAL. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 50 दिन में अपनी कोर टीम तैयार कर ली है। जिस तरह से मंत्रिमंडल में युवा और अनुभवी चेहरे शामिल किए हैं, वैसे ही कोर टीम भी बनाई है।मुख्यमंत्री सचिवालय में जिन 5 अफसरों की नियुक्ति की गई है, उनमें भरत यादव सबसे सीनियर हैं। वे 2008 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और 7 जिलों में कलेक्टर रहे हैं।

दो आईएएस सीएम के गृह जिले उज्जैन में रह चुके 

खास बात ये है कि इन पांच में से दो आईएएस सीएम के गृह जिले उज्जैन में पदस्थ रह चुके हैं। जबकि एक उच्च शिक्षा विभाग में रहे हैं, जब डॉ. मोहन यादव, शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। गौर करने वाली बात ये भी है कि सीएम सचिवालय में पदस्थ अफसरों को वर्तमान विभागों की जिम्मेदारी से मुक्त करने के बजाय उन्हीं विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इनमें स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन, सड़क विकास निगम, राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग है। आखिर ऐसा क्यों किया गया है। यहां जानेंगे पूरी रिपोर्ट।

यहां जानते हैं सीएम सचिवालय में पदस्थ 5 अफसरों के बारे में

2 फरवरी को सरकार ने 15 आईएएस अफसरों की पदस्थापना की। इनमें से 5 अफसरों को मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ किया गया है।

भरत यादव: ये 2008 बैच के आईएएस अफसर हैं। सीएम सचिव बनाए जाने से पहले नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त थे। वे सिवनी, बालाघाट, धार, ग्वालियर, मुरैना, छिंदवाड़ा और जबलपुर के कलेक्टर रहे हैं। वे मूलरूप से मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं।

अविनाश लवानिया: ये 2009 बैच के आईएएस अफसर हैं। लवानिया के पास सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक का अतिरिक्त प्रभार भी रहेगा। 2016 में सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान उज्जैन नगर निगम आयुक्त रहे हैं। शिवराज सरकार में भोपाल के कलेक्टर भी रहे।

चंद्रशेखर वालिम्बे: ये 2010 बैच के आईएएस हैं। वालिम्बे को सीएम का अपर सचिव बनाया गया है। उनके पास राजस्व विभाग के अपर सचिव का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। जब मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे, तब वालिम्बे विभाग में अपर आयुक्त थे।

अदिति गर्ग: अदिति 2015 बैच की आईएएस अफसर हैं। ये सीएम की उप सचिव बनाई गई हैं। उनके पास संचालक स्वास्थ्य सेवाओं का अतिरिक्त प्रभार भी रहेगा।इंदौर स्मार्ट सिटी सीईओ रहते साप्ताहिक छुट्टी को लेकर ट्वीट करने पर चर्चा में आईं थीं।

अंशुल गुप्ता: ये 2018 बैच के आईएएस अफसर हैं। सीएम के उप सचिव बनाए गए हैं। उज्जैन नगर निगम आयुक्त रहते बिना सरकारी फंउ के तालाबों का जीर्णोद्धार किया। चुनाव से पहले उज्जैन में प्रधानमंत्री की सभी से पहले उन्हें हटाया गया था।

शिवराज के कार्यकाल में पदस्थ 10 में से 3 अफसर हटाए गए

मोहन यादव सरकार में शिवराज सरकार के कार्यकाल में पदस्थ 10 में से 3 अफसरों को हटाया जा चुका है। जबकि दो उप सचिवों को नए सिरे से आदेश जारी कर फिर से मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ किया गया है। डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पद भार ग्रहण करने के एक हफ्ते बाद ही प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को हटाकर राघवेंद्र सिंह की पोस्टिंग कर दी थी, लेकिन रस्तोगी को नई पदस्थापना के लिए करीब एक महीने का इंतजार करना पड़ा। उन्हें 28 जनवरी को जेल विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया था।

रस्तोगी को अब उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। इसी तरह शिवराज के करीबी व भरोसेमंद माने जाने वाले उप सचिव नीरज वशिष्ठ को मुख्यमंत्री सचिवालय से हटाकर विमुक्त घुमंतू एवं अर्धघुमंतू जनजाति विभाग का संचालक बनाया गया है। इसी तरह सचिव के पद पर काम कर रहे विवेक पोरवाल की जगह भरत यादव की पोस्टिंग की गई है।

लक्ष्मण सिंह मरकाम और मनीष पांडे पर जताया भरोसा

शिवराज सरकार में लक्ष्मण सिंह मरकाम और मनीष पांडे लंबे समय तक मुख्यमंत्री उप सचिव रहे। दोनों ही अफसरों पर डॉ. मोहन यादव ने भरोसा जताया है। यही वजह है कि दोनों अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना का आदेश जारी किया गया है। मरकाम को अपर आयुक्त आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान भोपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।

बता दें कि दोनों अफसर संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। राज्य शासन ने 2021 में भारतीय नौसेना आयुध संगठन के उप महाप्रबंधक लक्ष्मण सिंह मरकाम की सेवाएं रक्षा मंत्रालय से प्रतिनियुक्ति पर लेकर उन्हें उप सचिव मध्यप्रदेश शासन पदस्थ किया था। कुछ दिन बाद उनकी सेवाएं राज्य शासन में मर्ज कर दी गई। मनीष पांडे बैंकिंग सेवा से राज्य सेवा में आए हैं।

50 दिन में बदले 58 आईएएस अफसर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 50 दिन में 58 आईएएस अफसरों का तबादला किया है। इनमें अपर मुख्य सचिव से लेकर कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर रैंक के अधिकारी हैं। गृह विभाग में करीब साढ़े तीन साल रहने के बाद रहे डॉ. राजेश राजौरा को जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी गई है।

उन्होंने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, बैतूल, गुना, नर्मदापुरम सहित 9 जिलों के कलेक्टर भी बदल दिए हैं। गुना बस हादसा और रतलाम में ट्रक ड्राइवर से बदतमीजी का वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाया था।

इंटेलिजेंस प्रमुख बदले गए, CM सुरक्षा में लगे अधिकारी का भी ट्रांसफर

नई सरकार के गठन के बाद अब तक 15 आईपीएस अफसरों के तबादले हो चुके हैं। उनमें इंटेलिजेंस विभाग के मुख्य अधिकारी को भी बदल दिया गया है। इंटेलिजेंस विभाग की कमान संभाल रहे एडीजी आदर्श कटियार को हटाकर पुलिस मुख्यालय में दूरसंचार विभाग के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदर्श कटियार के स्थान पर जयदीप प्रसाद को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जयदीप प्रसाद पूर्व में उज्जैन के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं।

जल्द आएगी आईपीएस अफसरों की तबादला सूची

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि आईपीएस अफसरों की एक ट्रांसफर लिस्ट जल्दी ही जारी होगी। बताया जा रहा है कि करीब 25 अफसर प्रभावित होंगे। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस दौरान मुख्यमंत्री ने आईपीएस अफसरों की नई पदस्थापना करने के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

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