एमपी की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को इंटरनेशनल सम्मेलन में भाग लेने की परमिशन नहीं, अफसर बोलीं- मुझे रोक सकते हैं, कार्यक्रम नहीं

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Atul Tiwari
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एमपी की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को इंटरनेशनल सम्मेलन में भाग लेने की परमिशन नहीं, अफसर बोलीं- मुझे रोक सकते हैं, कार्यक्रम नहीं

BHOPAL. मध्य प्रदेश शासन ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार सम्मान समारोह सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी। यही नहीं, कार्यक्रम/आयोजन की परमिशन की अप्लीकेशन भी प्रशासन ने पेंडिंग रखा है। इस पर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने आरोप लगाया कि शासन ने राजनीतिक कारणों के चलते उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने की परमिशन नहीं दी।



ये है कार्यक्रम



आमला में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति 25 जून को गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार सम्मान समारोह तथा सर्वधर्म शांति एवं शिक्षा केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम सहित सर्वधर्म समभाव यात्रा का आयोजन है। यात्रा में शामिल होने की अनुमति के लिए डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने 19 मई को मप्र शासन (सामान्य प्रशासन विभाग) को आवेदन दिया था, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने निशा बांगरे द्वारा चाही गई अनुमति को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 9 (2) और नियम 16 (2) के विरुद्ध पाया। इन्हीं नियमों का हवाला देकर डिप्टी कलेक्टर को कार्यक्रम/यात्रा में शामिल होने की परमिशन नहीं दी गई।



प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर को भेजी चिट्ठी



सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव (कार्मिक) एसके सेंद्रे ने अनुमति नहीं देने का पत्र 15 जून को डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को भेजा। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुलताई ने ये चिट्ठी आमला तहसीलदार के जरिए डिप्टी कलेक्टर बांगरे को तामील कराई।



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मुझे रोक सकते हैं, कार्यक्रम को नहीं- निशा बांगरे



कार्यक्रम में शामिल ना होने की परमिशन ना मिलने पर निशा बांगरे ने कहा कि शासन-प्रशासन मुझे रोक सकता है, लेकिन अगर कार्यक्रम रोका गया तो इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी होगी। कार्यक्रम में श्रीलंका के कानून मंत्री समेत 11 देशों के सर्वधर्म प्रतिनिधि शामिल होंगे। अगर कार्यक्रम नहीं होता तो इसे प्रशासन का बड़ा फेलियर माना जाएगा। बांगरे ने ये भी कहा कि डर और बौखलाहट के कारण धार्मिक आयोजनों को राजनैतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। यदि शासन-प्रशासन सहयोग नहीं करेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे। अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।



कार्यक्रम को लेकर एम्बेसी से भी परमिशन मिल चुकी है



बांगरे के मुताबिक, आयोजन को लेकर शासन-प्रशासन को इंटीमेशन दे दी है। 25 जून को मैं अपने घर के उद्घाटन का कार्यक्रम करूंगी। जहां तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के आयोजन का सवाल है, गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम किया जा रहा है। आयोजकों ने अनुमति को लेकर विधिवत विभिन्न विभागों को पत्र भेजे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 25 जून को किसी राजनैतिक झंडे के नीचे नहीं, बल्कि इंटरनेशनल लेवल के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।



कार्यक्रम में आगमन को लेकर एम्बेसी से परमिशन मिल चकी है, टिकट बुक हो चुके हैं। यदि शासन-प्रशासन ने रिटर्न में अनुमति नहीं देकर कार्यक्रमों के आयोजन को रोकने की कोशिश की तो यह संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा।



चर्चा में क्यों हैं निशा बांगरे?



छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ निशा बांगरे ने राज्य प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में उतरने का मन बना लिया है। मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनैतिक पार्टियों द्वारा किए आमला विधानसभा क्षेत्र के सर्वे में एसडीएम निशा बांगरे का नाम भी शामिल है। निशा ने कहा था कि वे उसी पार्टी के साथ जुड़ेंगी, जो उनके काम को स्वतंत्रता देगी। मानव सेवा में किसी प्रकार का बंधन नहीं होना चाहिए। निशा की पहली पोस्टिंग बैतूल के आमला में ही हुई थी। करीब 7 महीने पहले निशा बांगरे का ट्रांसफर छतरपुर (लवकुशनगर) हुआ था।



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