मप्र सरकार 90 दिन में लेगी 28500 करोड़ का कर्ज, सबसे ज्यादा 15500 करोड़ फरवरी में लेने की मंशा, आरबीआई ने जारी किया शेड्यूल

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Pratibha Rana
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मप्र सरकार 90 दिन में लेगी 28500 करोड़ का कर्ज, सबसे ज्यादा 15500 करोड़ फरवरी में लेने की मंशा, आरबीआई ने जारी किया शेड्यूल

संजय गुप्ता, INDORE. मप्र सरकार की आर्थिक स्थिति लगातार कर्जे की ओर बढ़ रही है। कर्ज रेवड़ी योजनाओं के जरिए खूब घी पिलाया भी जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा जनवरी से मार्च 2024 के लिए देश के विविध राज्यों द्वारा लिए जाने वाले कर्ज का शेड्यूल जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि मप्र द्वारा जनवरी से मार्च के बीच यानि 90 दिनों में कुल 28500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा। सामान्य शब्दों में कहें तो सरकार हर दिन औसतन 316 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी और सरकार चलाएगी। मप्र में चुनाव के बाद बनी नई डॉ. मोहन यादव की सरकार पहले ही कर्ज लेने की शुरूआत 27 दिसंबर से कर चुकी है, जब दो हजार करोड़ का कर्ज लिया गया था। पहले ही मप्र शासन का कर्ज साढ़े तीन लाख करोड़ को पार कर चुका है।

आरबीआई ने बताया इस बार 4.13 लाख करोड़ का कर्ज ले रहे राज्य

आरबीआई ने अपनी सूचना में बताया कि जनवरी से मार्च 2024 के दौरान देश के राज्य, केंद्रशासित प्रदेश कुल 4 लाख 13 हजार 452 करोड़ का कर्ज ले रहे हैं। बीते साल इसी इसी अवधि में यह राशि 3.40 लाख करोड़ रुपए थी। वहीं मप्र सरकार का भी जनवरी से मार्च 2023 के दौरान कर्ज लेने का जो शेड्यूल था, उसमें राशि 23158 करोड़ रुपए थी, जो इस बार बढ़कर 28500 करोड़ रुपए हो गई है।

जनवरी में 13 हजार करोड़ का कर्ज का शेड्यूल

  • 9 जनवरी को- 3000 करोड़
  • 16 जनवरी- 4000 करोड़
  • 23 जनवरी- 3000 करोड़
  • 30 जनवरी- 3000 करोड़
  • (जनवरी में कुल 13 हजार करोड़ कर्ज लेंगे)

फरवरी में सबसे ज्यादा 15500 करोड़ लेने का शेड्यूल

  • 6 फरवरी- 4000 करोड़
  • 13 फरवरी- 4000 करोड़
  • 20 फरवरी- 4000 करोड़
  • 27 फरवरी- 3500 करोड़
  • (फरवरी की कुल राशि 15500 करोड़)

मार्च माह में इस तरह दस हजार करोड़ का शेड्यूल

  • 5 मार्च- 3000 करोड़
  • 12 मार्च- 3000 करोड़
  • 19 मार्च- 3000 करोड़
  • 26 मार्च- एक हजार करोड़
  • (मार्च में कुल 10 हजार करोड़ का शेड्यूल)

लाड़ली बहना योजना में हर माह 1700 करोड़ खर्च

तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना लाड़ली बहना में अभी 1250 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। हितग्राही की संख्या एक करोड़ 37 लाख है, यानि इसी योजना में ही मप्र शासन के हर माह करीब 1700 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।

लाड़ली बहना में 3000 हर माह देने का है वादा, भारी पड़ जाएगा

कांग्रेस लगातार मांग उठा रही है कि चुनाव में जो वादा किया था लाड़ली बहना को तीन हजार प्रति माह देने का उसे पूरा किया जाए। कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी इसकी मांग कर रहे हैं और सरकार को घेर रहे हैं। वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान कह चुके हैं कि वह किसी योजना को बंद नहीं होने देंगे, सीएम डॉ. मोहन यादव कह रहे है किं सभी हितग्राही योजना जारी रखी जाएगी। यदि लाड़ली बहना को 3000 रुपए प्रति माह किया जाता है तो हर माह का खर्चा 41 हजार करोड़ से ज्यादा का हो जाएगा। जो राज्य की आर्थिक सेहत को बुरी तरह खराब करेगा।

बीजेपी लगातार बता रही विकास के लिए कर्ज जरूरी

बीजेपी लगातार इस कर्ज को जरूरी बताती रही है। केंद्र भले ही रेवड़ी योजनाओं के खिलाफ हो लेकिन राज्य सरकारों ने पिटारा खोला हुआ है। चुनाव के पहले भी लगातार इस पर सवाल उठे और तब बीजेपी नेताओं ने कहा कि विकास के लिए यह कर्ज जरूरी है। लाड़ली बहना योजना रेवड़ी योजना नहीं है यह नारी सशक्तीकरण के लिए जरूरी कदम है और बीजेपी सरकार हमेशा गरीबों की सरकार रही है।

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