संजय शर्मा, BHOPAL. मप्र में डॉ. मोहन यादव की सरकार ने इंडस्ट्री प्रोजेक्ट के विस्तार से रोजगार के अवसर बढ़ाने के रोड मैप पर नए सिरे से काम शुरू कर दिया है। सरकार अगले 5 वर्षों में 8,28,050 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इससे इंडस्ट्रीज का विस्तार होगा और 72 लाख से ज्यादा लोगों को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इंडस्ट्रीज का विस्तार कर प्रदेश की माली हालत सुधारने मुख्यमंत्री ने इस विभाग को अपने हाथों में रखा है। उनकी प्राथमिकता को देखते हुए प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने अफसरों ने भी केंद्रीय स्वीकृति के लिए दौड़-भाग तेज कर दी है।
6 बड़े प्रोजेक्ट देंगे विकास को नई गति
प्रदेश में इंडस्ट्री प्रोजेक्ट पर सरकार गंभीर नजर आ रही है। ग्रीन फील्ड़ एयरपोर्ट एंड मेगा इन्वेस्टमेंट रीजन, एमपी डिफेन्स कॉरिडोर, इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्ट और सेमिकंडक्टर चिप, सीमेंट उद्योग, बीना पेट्रोकेमिकल हब जैसी 6 बड़े प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग इंडस्ट्री डिपार्टमेंट सीधे तौर पर कर रहा है। 49000 करोड़ रुपए के बड़े इन्वेस्टमेंट वाले बीना पेट्रोकेमिकल हब से बुंदेलखंड सहित पूरे प्रदेश में रोजगार के सवा 4 लाख अवसर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्राप्त होंगे। इससे पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर आधारित छोटी-बड़ी इंडस्ट्री यूनिट भी शुरू होंगी। वहीं ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट एंड मेगा इन्वेस्टमेंट रीजन के तहत देवास, इंदौर, सीहोर क्षेत्र में 1.30 लाख करोड़ के निवेश से सीधे तौर पर 2 लाख और अप्रत्यक्ष रूप से 4 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
एमपी डिफेन्स कॉरिडोर
एमपी डिफेन्स कॉरिडोर जबलपुर से ग्वालियर के बीच उद्योगों को बढ़ावा देने वाला होगा और 59 हजार से ज्यादा रोजगार के मौके सृजित करेगा। इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर ग्वालियर, सागर, सतना, रीवा और सिंगरौली में उद्योगों को विस्तार देगा। ईवी एंड सेमीकंडक्टर पार्क के लिए पीथमपुर का चयन किया गया है, वहीं सीमेंट उद्योग के लिए सतना, कटनी, पन्ना और रीवा के साथ ही बुंदेलखंड के अन्य जिलों में विस्तार की प्लानिंग जारी है।
MSME क्लस्टर बढ़ाएगा रोजगार के अवसर
इंडस्ट्री विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला के अनुसार विभाग का पूरा फोकस प्रदेश में निवेश, इंडस्ट्री डेवलपमेंट के जरिए रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर है। मेगा इंडस्ट्री प्रोजेक्ट के साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम इंडस्ट्रीज के विकास पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए MSME क्लस्टर के तहत 40 -50 जिलों में 20 हजार करोड़ रूपए की इंडस्ट्री को स्वीकृति देने का काम जारी है। फ़ूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर, पैकेजिंग, टेक्सटाइल, वस्त्र और इंजीनियरिंग उत्पाद बनाने वाली इन यूनिट्स से 3 लाख लोगों को काम मिलेगा।
7 शहरों में बनेंगे आईटी पार्क और साइबर सिटी
इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने बताया प्रदेश को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने सरकार प्रयास कर रही है। इंदौर में दो आईटी पार्कों का काम चल रहा है। भोपाल में नए आईटी पार्कों बनाने की तैयारी है और जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, उज्जैन और रतलाम में भी आईटी पार्क की प्लानिंग है। इनसे रोजगार के 3.50 लाख परिवारों को रोजगार मिलेगा।
रोजगार बढ़ाने के प्रयास
शहरों के विकास के माध्यम से भी रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास भी सरकार कर रही है। इंदौर संभाग के देवास, पीथमपुर, रतलाम और उज्जैन, भोपाल संभाग के मंडीदीप- सीहोर, भोपाल, विदिशा, बिना और जबलपुर संभाग के कटनी के बीच रीजनल रेल ट्रांसपोर्ट सर्विस सेक्टर का विकास होगा। भोपाल- इंदौर इकोनोमिक कॉरिडोर 'नर्मदा प' का काम दो चरणों में पूरा होगा। इस 'एक्सप्रेस-वे' खंडवा, खरगोन, देवास, इंदौर, धार, नर्मदापुरम, बड़वानी, भोपाल, आष्टा को जोड़कर इंडस्ट्री डेवलपमेंट को नई दिशा देगा।
इन कामों से भी रोजगार सृजन की तैयारी
- प्रदेश के सभी बड़े शहरों की मास्टर प्लान का रिव्यू, इससे 4.60 लाख रोजगार के मौके मिलेंगे।
- खजुराहो, बांधवगढ़, चंदेरी, मांडू, महेश्वर, सांची,ओरछा और पन्ना में हेरिटेज विलेज विकसित होने से 10 हजार से ज्यादा लोग काम पाएंगे।
- भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में फिल्मसिटी बनाने 6 हजार करोड़ के बड़े बजट से प्लानिंग की गई है।
- इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, छिंदवाड़ा और उज्जैन में एडवेंचर पार्क जबकि भोपाल- इंदौर में स्पोर्ट सिटी और ओंकारेश्वर में स्पिरिचुअल सिटी बनेगी।
- ग्वालियर, भोपाल, रतलाम और जबलपुर में मल्टी मॉडल लोजिस्टिक हब के लिए जगह का चयन किया जा रहा है, जबकि पीथमपुर में काम शुरू हो चुका है। इन शहरों में 7.50 लाख लोग काम-धंधे से जुड़ेंगे।